डबरा, डेस्क रिपोर्ट। डबरा में एक हृदय विदारक घटना में सालों से सहारा इंडिया के लिए काम करने वाले एक एजेंट भूपेंद्र जैन ने 5 फरवरी को ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक तौर पर यह सामने आया था कि वह धार्मिक स्थान के दर्शन करने गए थे जहां दुर्घटनावश उनकी मौत हो गई। लेकिन अब एक नया खुलासा हुआ है जो भूपेंद्र जैन के पास मिले सुसाइड नोट से सामने आया है। इस सुसाइड नोट में भूपेंद्र जैन ने अपनी मौत के लिए सिर्फ और सिर्फ सहारा इंडिया कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस मामले में जांच की बात कर रही है।
भूपेंद्र जैन द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा है कि सहारा इंडिया के कारण आए दिन उनको निवेशक परेशान करते हैं जिनकी गाढ़ी कमाई उन्होने भूपेन्द्र जैन के माध्यम से सहारा मे निवेश करायी थी। लेकिन अब उसका कंपनी भुगतान नही कर रही है। निवेशक भुगतान के लिए दबाव डालते हैं और कंपनी है कि कोर्ट के निर्णय के बाद भी भुगतान नहीं कर रही। भूपेंद्र जैन अपने पीछे पत्नी और एक बेटा व बेटी छोड़ गए हैं। भूपेंद्र जैन ने इस पत्र में अपने सभी परिजनों को संबोधित किया है और बताया है कि किस तरह से सहारा कंपनी उनको भुगतान नहीं कर रही है और भुगतान के लिए लंबा चौड़ा कमीशन भी मांग रही है। भूपेंद्र जैन का यह भी कहना था कि यदि सहारा समय पर पेमेंट कर देती उनके ऊपर कोई कर्जा नहीं होता। आत्महत्या की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सहारा है।
मामले में पुलिस का कहना है कि भूपेंद्र जैन के परिजनों द्वारा उन्हें सुसाइड नोट उपलब्ध कराया गया है जिसमें उन्होने अपनी आत्महत्या के लिए सहारा इंडिया को जिम्मेदार ठहराया है। सहारा इंडिया भुगतान नहीं कर रही थी और निवेशक उन्हें परेशान कर रहे थे। पुलिस अब मामले की जांच की बात कर रही है।
भूपेन्द्र जैन द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट
श्रीमान टीआई साहब, मेरा सहारा का भुगतान कराने की कृपा करें तो आपकी अति कृपा होगी – भूपेन्द्र जैन
और आगे क्या लिखूं। सुरेंद्र और गिर्राज मुझे माफ कर देना और मेरा सहारा का भुगतान करा घर बैंक और जो भी लेना बाकी है उसे पूरी कर लेना क्योंकि अब मैं जी नहीं सकूंगा। और मुझे रात भर नींद नहीं आती। अब मैं जी नहीं पा रहा हूं। सहारा इंडिया के कारण मैं अब आत्महत्या कर रहा हूं इसमें सहारा के अलावा किसी और कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और सहारा समय से पेमेंट कर देती तो मेरे ऊपर कोई कर्जा नहीं होता।
मनी मुझे माफ कर देना। मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाया। अपना ख्याल रखना और बच्चों को संभालना अब तुम्हारे हाथ में है। मुझे माफ कर देना क्योंकि मेरा सारा शरीर टूट चुका है। मैं बहुत कष्ट में हूं। अब आगे क्या लिखूं। मैं जा रहा हूं ।आप सब को कष्ट देने वाला आपका भाई भूपेंद्र जैन। मनी मुझे माफ कर देना दोनों भाभी मुझे माफ कर देना। कोई गलती हुई हो मैं जा रहा हूं। जब तक आप लोगो को यह पत्र मिलेगा मैं दुनिया छोड़ कर जा चुका हूंगा।
मनी मुझे माफ कर देना। मैं जी नहीं पा रहा हूं। मुझे सुबह से टेंशन शुरू हो जाती है क्योंकि मुझ पर कर्जा बहुत हो गया है। सहारा इंडिया मेरा पेमेंट नहीं कर रही है जब भी मांगने जाओ तो कहते हैं अभी व्यवस्था नहीं है और 12 से 15 परसेंट की डिमांड करते हैं। जो कि मैंने कोर्ट में भी मामला किया था जिसका निर्णय मार्च 2020 में हो गया था। उसके बाद ही मेरा पेमेंट नहीं किया गया है और गोविंद दुबे के द्वारा मेरा 55000 रू का पेमेंट किया गया। मैंने उन्हें 10 परसेंट कमीशन दिया था और आगे मेरा पेमेंट नहीं हुआ। मैं बाजार के ताने सुन सुन कर थक गया हूं। जो भी आता है, गाली देकर चला जाता है। कल तो एक पार्टी दिनेश अग्रवाल ने मेरे ऊपर बका उठा लिया और कहने लगा कि मुझे सहारा इंडिया से कोई मतलब नहीं मेरा पेमेंट तो भूपेन्द्र जैन करेगा। मनी मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं मेरे बेटे और बेटी का ख्याल रखना और अतिशय को समझाना बेटा अब तो बुरी आदते छोड़ दे और घर वापस आ जाओ।
सहारा का पेमेंट हो जाए तो मैंने कर्जा ले रखा है वह मेरी डायरी में नोट है। किसका देना है और किस से लेना है। उनको पेमेंट कर देना। एक जमीन सुमित अग्रवाल के साथ शेयर है और एक जमीन अशोक गुप्ता के साथ शेयर है। सुनील भाई साहब मुझे माफ कर देना और सभी लोगों का ख्याल रखना। शशान्क और अमन अतिशय को समझाना और उसे घर बुला लेना।
अदिति मम्मी का ख्याल रखना। दोनों दीदी और जीजाजी मुझे माफ कर देना। कहते हैं कि अगर आप आत्महत्या कर लेते हैं तो सहारा सारा भुगतान कर देती है। सारे रिश्तेदार मुझे माफ कर देना जो भी गलती हुई हो मुझे माफ कर देना।