मंदसौर : दलित की बारात रोक दबंगो ने कर दी बारातियों की पिटाई, नहीं चाहते थे घोड़ी पर बैठे दलित

Gaurav Sharma
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मंदसौर,डेस्क रिपोर्ट। भारत कितनी भी तरक्की (Developed) क्यों ना कर लें, पर लोग अपने दिमाग से जातिगत का भेदभाव (Caste Discrimination) निकालने के लिए तैयार ही नहीं है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से एक बार फिर जातिगत भेदभाव (Caste discrimination) करने का मामला सामने आया है, जहां मंदसौर में दबंगों द्वारा एक दलित की बारात (Marriage Procession) रोक कर बारातियों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने 8 दबंगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया है।

पूरा मामला मंदसौर जिले के शामगढ़ थाना क्षेत्र के गुराडिया माता गांव का है। जहां शनिवार की रात एक दलित की बारात विवाह स्थल की ओर प्रस्थान कर रही थी, इसी दौरान 8 दबंगों द्वारा बरात को रोक दिया गया। बरात रुकने के बाद दबंगों द्वारा डीजे चला रहा युवक, दूल्हा और उसके परिजनों के साथ मारपीट की गई। मारपीट के साथ जातिसूचक शब्दों बोलकर बारातियों की बेइज्जती भी की गई। जब पूरे मामले की सूचना पुलिस को मिली तो उसने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया और पुलिस द्वारा समझाइश दी गई। मामला शांत होने के बाद देर रात पुलिस की मौजूदगी में दोबारा बारात निकाली गई।

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मिली जानकारी के अनुसार आरोपी नहीं चाहते थे कि गांव में घोड़ी पर बैठ कर कोई भी दलित अपनी बारात निकाले और उनके घर के सामने से निकले। जिसको लेकर बराती पक्ष और दबंगों के बीच विवाद खड़ा हो गया। पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों की शिकायत पर 8 दबंगों पर एससी-एसटी एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

बता देें कि मंदसौर में यह पहला मामला नहीं है जब किसी दलित की बरात को रोका गया हो। इससे पहले भी लगातार तीन मामले सामने आ चुके हैं। बीते साल 29 नवंबर को मंदसौर के सुवासरा थाना क्षेत्र के खेड़ा गांव में और नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के रूपारेल गांव में 22 दिसंबर 2020 को दलित दूल्हे की बारात पर पथराव किया गया था, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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