दमोह।
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में शनिवार को एक तीन साल के मासूम की सैप्टिक टैंक में डूबने से मौत हो गई।बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत के अंतर्गत बनी शौचालय के गड्ढे में अचानक उसका पैर फिसल गया और वह उस गड्ढे में जा गिरा । सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और मासूम का शव गड्ढे से बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।इस मामले में सरपंच और सचिव की लापरवाही सामने आई है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा बनाया गया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।घटना के बाद स्वच्छ भारत अभियान के परियोजना अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
जानकारी अनुसार , मामला पथरिया जनपद के ग्राम पंचायत सेमरा लोधी का है। यहां चंद्रभान उर्फ चंदू पिता रमेश रजक 3 अपनी मां के साथ घर में था तथा अपने घर में खेल रहा था तभी वहां प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत के अंतर्गत बनी शौचालय के गड्ढे में अचानक उसका पैर फिसल गया और वह उस गड्ढे में जा गिरा वहीं मासूम की मां और परिजनों ने मासूम की काफी तलाश की लेकिन जब मासूम कहीं नही मिला तो उन्होंने अपने घर के आंगन में बने शौचालय के गड्ढे में झांककर देखा तो मासूम का शव तैर रहा था। बताया जा रहा है सरपंच-सचिव ने शौचालय में सीट लगवाने की जगह पत्थर के टुकड़े रखवा दिए थे, जिनपर बैठकर शौच करते समय मासूम फिसल गया और टैंक में डूबने से उसकी मौत हो गई। यह शौचालय पिछले एक साल से अधूरा पड़ा था।
परिजनों ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले शौचालय का गड्ढा खोदा गया था, लेकिन सरपंच गोकल और सचिव की लापरवाही के चलते उसका पक्का निर्माण कार्य नहीं कराया गया। दरअसल शौचालय में सीट नहीं लगी थी, जिसमें ऊपर से फर्शी लगाकर शौच क्रिया के लिए खाली जगह छोड़ी गई थी। ग्राम पंचायत द्वारा पूरे गांव में 150 से ज्यादा इसी तरह के शौचालय बनाए गए हैं। शौचालयों में सीट ही नहीं लगाई गई और पूर्ण दर्शाकर राशि निकाल ली गई है। यही कारण है कि सीट नहीं होने के कारण बच्चा सीधे शौचालय के गड्ढे के गंदे पानी के अंदर गिर गया और उसकी मौत हो गई।
बता दे की इस प्रकार की घटनाएं जिले में आम बात बन गई है। क्योंकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनी शौचालय में कहीं सीट ही नहीं है, और गड्ढे पूरी तरह खुले पड़े है। जिसके चलते यहा कभी भी इस प्रकार की घटनाएं हो जाती है।