Damoh News: दमोह जिला प्रशासन का बड़ा निर्णय, उसी रूप में देखने को मिलेगा ऐतिहासिक धरोहर हाकगंज बरंडा का गेट

बता दें कि इस इमारत के बगल से चल रहे निर्माण कार्य में बरंडा का गेट जमींदोज हो गया। ब्रिटिश हुकुमत काल में साल 1876 में बनी इस इमारत को लेकर कई ऐतिहासिक घटनाक्रम जुड़े हैं।

Sanjucta Pandit
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Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले की ऐतिहासिक धरोहर हाकगंज बरंडा के गेट के धराशायी होने से जहां चारों तरफ रोष है। वहीं, इस बीच अच्छी खबर है कि इस मामले को लेकर अब जिला प्रशासन ने कई बड़े निर्णय लिए हैं। दरअसल, बहूत ही जल्दी लोगों को फिर से बरंडा का गेट कुछ उसी रूप में देखने को मिलेगा।

Damoh News: दमोह जिला प्रशासन का बड़ा निर्णय, उसी रूप में देखने को मिलेगा ऐतिहासिक धरोहर हाकगंज बरंडा का गेट

लोगों में है नाराजगी

बता दें कि इस इमारत के बगल से चल रहे निर्माण कार्य में बरंडा का गेट जमींदोज हो गया। ब्रिटिश हुकुमत काल में साल 1876 में बनी इस इमारत को लेकर कई ऐतिहासिक घटनाक्रम जुड़े हैं। वहीं, तत्कालीन कमिश्नर मिस्टर हॉक द्वारा बनवाए गए यहां के 3 गेटों में से मुख्य गेट के जमीदोज होने पर लोगों में खासी नाराजगी है, लेकिन अब लोगों की नाराजगी कुछ हद तक कम हो जाएगी। जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर ने अब इसे मिशन के रूप में लिया है। बता दें कि करीब 2 घंटे तक इस स्थल के साथ आसपास के इलाके में जांच-पड़ताल करने के बाद कलेक्टर ने इस जगह के अलावा जिलेभर में बने इस तरह के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के आसपास निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी है। कोचर के मूताबिक, अब ऐसी जगहों पर लोगो को निजी निर्माण के लिए अपर कलेक्टर की अनुमति लेनी होगी।

कलेक्टर ने कही ये बात

मामले को लेकर सुधीर कोचर ने बताया कि हाकगंज बरंडा में शेष बचे दो पुराने गेटों को लेकर भी प्रशासन सख्त हुआ है। इन्हें सरंक्षित करने के लिए भी कार्रवाई शुरू की गई है। चूंकि, ये इमारत पुरातत्व विभाग के अधीन नहीं है। लिहाजा, इन्हें स्थानीय स्तर पर ही सुरक्षित करने के प्रयास किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने इस इलाके में निर्माण कार्य पर रोक के साथ क्षतिग्रस्त हुए इलाके के आसपास की दुकानों को भी खाली कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, अब फिर से एक बार जमींदोज हुए इस गेट को तैयार किया जाएगा। आगे कलेक्टर ने भोपाल के मिंटो हाल का उदाहरण देते हुए कहा कि फिर हाकगंज बरंडा का गेट खड़ा हो, इसके लिए अभी से कोशिश की जा रही है और बहुत जल्दी ये गेट नए स्वरूप में खड़ा हो जाएगा। वहीं, इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी ये अच्छी खबर है। इस कोशिश से इतिहास को कहीं-न-कहीं बचाया भी जा सकता है।

दमोह, दिनेश अग्रवाल


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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