अवव्यस्थाओं को देख भड़की विधायक, बोली-यह कांग्रेस की बपौती नहीं, गरीबों का अस्पताल है

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दमोह।

शनिवार को दमोह के पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह जिला अस्पताल के भंडार गृह में चारों तरफ फैली गंदगी को देखकर भड़क गई।उन्होंने खाना बनाने वाले रसोइये को फटकार लगाते हुए कहा कि यह सिर्फ दमोह का अस्पताल नहीं है,बल्कि यह पूरे जिले का अस्पताल है। यह कांग्रेस की बपौती भी नहीं है, यह गरीबों की अस्पताल है ।वही उन्होंने किचिन के पास पड़ी गंदगी और कचरे के ढेर लगे होने पर इंचार्ज शैलेष अहिरवार से जबाव मांगा। 

दरअसल, शनिवार को विधायक रामबाई जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थी। जहां उन्होंने किचन, महिला वार्ड, डिलेवरी वार्ड सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया ।इस दौरान मरीजों ने उन्हें बताया कि ऑपरेशन कराए जाने के बाद एवं नॉर्मल डिलीवरी के बाद मरीजों से रुपए लिए जाते हैं जिस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए सिविल सर्जन डॉ ममता तिमोरी से मरीजों से दिए गए पैसे वापस दिलाए जाने की बात कही।वही उन्होंने अव्यवस्थाओं को देखते हुए स्टाफ को भी जमकर फटकार लगाई। 

इतना ही नही जब रामबाई ने अस्पताल के भंडार गृह में पहुंची तो चारों तरफ फैली गंदगी को देखकर भी जमकर भड़क गई।वही मरीजों के लिए सुबह से ही रोटियां बनाकर रखे जाने व मीनू के आधार पर भोजन नाश्ता आदि का वितरण नहीं होने पर इंचार्ज को भी जमकर फटकारा।सिविल सर्जन से पूछा कि इंचार्ज किसने बनाया है तो सिविल सर्जन ने कहा- कांग्रेस नेताओं के फोन आए थे। व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अलग-अलग वार्डों के इंचार्ज नियुक्त किए गए हैं।  इस पर विधायक ने कहा कि यह सिर्फ दमोह का अस्पताल नहीं है,बल्कि यह पूरे जिले का अस्पताल है।यह कांग्रेसियों की बपौती नहीं, और नेता मंत्री सीएम ये व्यक्ति न्याय के पुजारी हैं उन्हें नहीं पता यहां के नेता क्या कर रहें ये पूरे जिले के लोगों की अस्पताल है यहां लापरवाही नहीं चलेगी। , यह गरीबों की अस्पताल है यहां आप लोगों को तरीके से काम करना होगा अन्यथा लापरवाही कबूल नहीं की जाएगी।

वहीं विधायक की फटकार के बाद स्टाफ की नाराजगी भी सामने आई और सिवल सर्जन के पास जाकर काम बंद करने की चेतावनी दे डाली।डॉक्टरों ने मेरे विरूद्ध एफआईआर की, धरना पर बैठे हैं, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जेल जाने से भी नहीं डरती हूं। एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस नेताओं की ऐसी स्थिति है कि 15 साल में सरकार आई है तो धरती पर नहीं चल रहे हैं। अधिकारियों को भी परेशान कर रहें हैं। अधिकारियों को चाहिए कि कलेक्टर से सीधी बात करें कलेक्टर से न कर पाएं तो मंत्री से बात करें।


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