कलेक्टर ने पेश की इंसानियत की मिसाल, बुजुर्ग को अपनी गाड़ी में बैठाकर पहुंचाया गांव

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दमोह।

मध्यप्रदेश में उमरिया के बाद अब दमोह कलेक्टर ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। दरअसल,  शुक्रवार देर शाम नवागत कलेक्टर तरूण राठी  जिला अस्पताल के समीप स्थित वृद्धाश्रम पहुंचें थे। इस दौरान एक वृद्ध ने बातचीत के दौरान अपने गांव जाने की इच्छा जाहिर की।जिसके बाद कलेक्टर ने ना सिर्फ उस वृद्ध को अपनी गाड़ी में बिठा कर गांव पहुंचाया बल्कि उनके बेटों को समझाइश दी कि वे अपने पिता का अच्छे से पालन-पोषण करें। कलेक्टर के इस अंदाज के बाद हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। कलेक्टर का यह पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।

       दरअसल, दमोह जिला मुख्यालय पर स्थित वृद्ध आश्रम में रहने वाले 80 साल के अज्जू अहिरवार को उनके परिजनों ने अपने साथ में न रखते हुए उन्हें वृद्ध आश्रम भेज दिया था। दमोह जनपद के बरबांसा गांव के रहने वाले उनके परिजन अपने इस बुजुर्ग को अपने साथ नहीं रखना चाहते थे। यही कारण था कि अज्जू अहिरवार कई सालों से वृद्ध आश्रम में अपना जीवन गुजार रहे थे। इसी बीच शुक्रवार देर शाम नवागत कलेक्टर तरूण राठी वहां पहुंचे और यहां वृध्दजनों का हाल जाना, पूछा यहां पर आपको कोई परेशानी तो नहीं है, दवाई मिलती है, डॉक्टर आता है, समय पर भोजन मिलता है। वृद्धजनों ने कहा हमे यहां किसी तरह की परेशानी नहीं है, हम लोग यहां अच्छी तरह से रह ���हे हैं। इस दौरान अज्जू कलेक्टर के सामने उन्होंने घर जाने की इच्छा व्यक्त की।जिसे कलेक्टर ने तुरंत मानते हुए उन्हें अपनी गाड़ी पर बिठाकर स्वयं ही उनके गांव छोड़ दिया।

इस दौरान अज्जू अहिरवार के पुत्र ने पारिवारिक परेशानियों की बात बताते हुए बुजुर्ग को अपने साथ रखने में असमर्थता जाहिर की। इस पर कलेक्टर ने कहा कि अपने पिता को अपने पास रखें, उन्हें पेंशन भी मिल रही है और कहा तुम्हे काम धंधा जो चाहते हो दिलवाया जाएगा पर पिता को सम्मान से पास रखे और उनकी सेवा करें। कलेक्टर ने ग्रामवासियों से कहा बुजुर्ग हज्जू के आग्रह पर मैंने उन्हें उनके घर छोडा़ है, मेरी मंशा हर बुजुर्ग अपने घर में सम्मान से रहे कोई भी वृद्ध वृद्धाश्रम में न रहे। कलेक्टर के इस दरियादिली की अब चारों ओर तारीफ हो रहे है।

बता दे कि बीते दिनों इसी तरह उमरिया कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने दरियादिली दिखाई थी। उन्होंने गर्मी से परेशान बच्चों के लिए अपने कमरे और ऑफिस का एसी निकालकर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में लगवा दिया था। जिसको लेकर जिलेभर में कलेक्टर की खूब चर्चा हुई थी। 


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