Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में लगातार भारी बारिश का दौर जारी है। जिस कारण नदी, नाले उफान पर है। लोगों के घरों में पानी घुसने का कारण जनजीवन अस्त- व्यस्त हो चुका है। कई गांवों के जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुके हैं। बहुत से गांव में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, जहां पर प्रशासन द्वारा हाई अलर्ट भी जारी किया जा चुका है। भारी बारिश का असर लोगों के घर गृहस्ती पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। घरों में पानी घुस जाने के कारण लोगों का जीवन ठप हो चुका है। एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने वाले पुलों पर आवागमन बाधित है। वहीं, जिलेभर में बरसात के बाद आने वाले दिनों में मछली के शौकीन लोगों को शायद ही आसानी से मछलियां मिल पाए।
करोड़ों का नुकसान
देशभर में मछलियों के शौकीनों की कमी नही है। लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते है। इसलिए यहां बड़े पैमाने पर मछलियों का उत्पादन किया जाता है। इस जिले की फिश नर्सरी का बीज प्रदेश के कई जिलों में मछली पालन करने वाले लोगों के पास तक जाता है। ये मछली पालक इस बीज या स्पान को तालाबों में डालकर उन्हें पालते हैं। जिसके बाद इसे एक बड़े वर्ग को मुहैया कराते है, लेकिन इस साल दमोह जिले का ये बीज शायद मछली पालकों को नही मिल नहीं पाएगा क्योंकि भीषण बारिश के कारण जिले भर की नर्सरी प्रभावित हुई है। दरअसल, यहां मछली बीज प्रक्षेत्रों में करोड़ों की तादात में बीज तैयार होता है और अब तक जो बीज रिकवर हुआ है उसकी संख्या महज हजारों में है। ऐसे में बीजों का रिकवर होना असंभव लग रहा है। इससे मछली उद्योग को भी बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसका आंकड़ा करोड़ों में है। इन सब के बीच सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी मंडराने वाला है।
तालाब हो रहे ओवरफ्लो
बता दें कि मछली पालन विभाग के तालाब ओवरफ्लो हुए हैं, तो वहीं कुछ तालाब फट गए और बाढ़ के पानी में पल रहे मछली के स्पान बह गए हैं। विभाग ने इन तालाबो में लाखों की संख्या में स्पान तैयार किए थे जो मछली पालकों तक पहुंचने थे, लेकिन पानी ने तबाही मचाई, जिस कारण बीज तबाह हो गया। पिछले 3 दिनों से मछली पालन विभाग के लोग इन स्पान को जमा करने के लिए मशक्कत कर रहे है, लेकिन इसका परिणाम नहीं निकल पा रहा है।
कलेक्टर ने दी ये जानकारी
वहीं, कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों को इस काम में लगाया है कि नेट के जरिए मछली का बीज जमा किया जाए, लेकिन इसे फिर से रिकवर करना बहुत मुश्किल हो चुका है।
दमोह, दिनेश अग्रवाल