Damoh News: जंगलों में जानवरों के लिए नही बचा पीने का पानी, वन विभाग ने टैंकर्स के जरिये भिजवाया पेयजल

जिले के डीएफओ महेंद्र ऊइके के मुताबिक, हर साल ऐसे हालात बनते हैं, लेकिन इस बार अधिकांश प्राकृतिक जल स्त्रोत अभी से सूख चुके हैं। लिहाजा पानी का ट्रांसपोर्टेशन करना शुरू किया गया है।

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Damoh News: इन दिनों भीषण गर्मी के कहर से हर कोई हलकान है, पारा लगातार चढ़ रहा है तो जनजीवन भी काफी प्रभावित है। एमपी के कई जिलों में तापमान 44 डिग्री को भी पार कर चुका है और हीट स्ट्रोक ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दी है। कई इलाकों से पेयजल संकट की तश्वीरें भी सामने आने लगी है, जहां इंसानो के साथ अब जानवरों के ऊपर भी पेयजल संकट मंडराने लगा है। सूबे के दमोह जिले में कुछ ऐसा ही आलम है जहां जंगलों में जानवरों के लिए पीने का पानी खत्म हो गया है।

टैंकर्स के जरिए भिजवाया पानी

दमोह जिले का बड़ा इलाका जंगली इलाका है और देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व भी इसी जिले में है। लिहाजा जंगलों में जानवरों की तादात भी ज्यादा है। इन जंगलों में प्राकृतिक जल स्रोत लगभग-लगभग सूख चुके हैं और जानवर पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं। लगातार ऐसी तश्वीरें सामने आने के बाद जिले का वन अमला हरकत में आया है और अब जानवरों को टैंकर्स के जरिये पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। जंगलो में बनाये गए पोखर, होदिया और प्राकृतिक जल स्त्रोतों को साफ कराया गया है और हर दिन टैंकर्स के जरिये पानी भेज कर उन्हें भरा जा रहा है और जंगली जानवर अब इसी पानी को पी कर प्यास बुझा रहे हैं।

जानवरों को पानी के लिए परेशानी न हो

जिले के डीएफओ महेंद्र ऊइके के मुताबिक, हर साल ऐसे हालात बनते हैं, लेकिन इस बार अधिकांश प्राकृतिक जल स्त्रोत अभी से सूख चुके हैं। लिहाजा पानी का ट्रांसपोर्टेशन करना शुरू किया गया है। वन विभाग के पास जो टैंकर्स है, उनमें पानी भरकर जंगलों में भेजा जा रहा है, जिससे जानवरों को कोई परेशानी न हो। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से जंगली जानवरों का मूवमेंट लगातार बस्तियों और गावों की तरफ हो रहा है और इस मूवमेंट की खास वजह पीने का पानी है। पानी की तलाश में जानवर गावों, बस्तियों की तरफ आते हैं और फिर वो ग्रामीणों की परेशानी का कारण बन जाते हैं। लेकिन अब इस तरह जंगलों में पानी भेजकर कुछ हद तक जानवरों को यहां आने से भी रोका जा सकता है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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