Damoh News: खनिज अधिकारी ने की छापेमार कार्रवाई, ट्रैक्टर-ट्राली के साथ रेत का बड़ा स्टॉक किया जब्त

खनिज अधिकारी ने मौके से ट्रैक्टर-ट्राली के साथ रेत का बड़ा स्टॉक जब्त किया है। लाखों की कीमत की ये रेत, खनिज माफिया के द्वारा बेंचने का काम किया जा रहा था।

Shashank Baranwal
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Damoh News: दमोह जिले में खनिज माफिया लंबे समय से सक्रिय है और जिले भर में माफिया के द्वारा खनिज सम्पदा का दोहन किया जा रहा है। जिले के कई पहाड़ों को काट कर उससे मुरम निकाली जा रही है। इसके अलावा जिले से होकर बहने वाली नदियों को छलनी कर के उन से रेत निकालने का काम दिन-रात जारी है। खनिज विभाग और जिम्मेदार विभागों की नाक के नीचे चल रहे इस अवैध कारोबार को लेकर कई दफा लोगों ने विरोध किया लेकिन माफिया के आगे सब बौना साबित हो रहा है। इस बीच खनिज विभाग ने एक कार्यवाही को अंजाम दिया है। जब रेत का एक बड़ा भंडारण विभाग ने जब्त किया है।

खनिज विभाग को मिली थी सूचना

दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छिरकोना गाँव से बहने वाली गौरैया नदी के किनारे रेत के बड़े स्टॉक के बारे में खनिज विभाग को सूचना मिली थी, जिसके बाद विभाग ने छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान अफसरों ने देखा कि बड़े पैमाने पर नदी से रेत निकाली गई है। वहीं दिन के उजाले में भी नदी से रेत निकाल कर परिवहन की जा रही थी। खनिज अधिकारी ने मौके से ट्रैक्टर-ट्राली के साथ रेत का बड़ा स्टॉक जब्त किया है। लाखों की कीमत की ये रेत, खनिज माफिया के द्वारा बेंचने का काम किया जा रहा था। खनिज अधिकारी मेजर सिंह जामरा के मुताबिक कार्रवाई अभी जारी रहेगी और विभाग जिले के दूसरे इलाकों में भी नजर लगाए है, जहां जल्दी ही खनिज माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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