सालों की मेहनत रंग लाई, चट्टानों का सीना चीर लोगों ने निकाली जल धार

दमोह।गणेश अग्रवाल।
दमोह जिले के हटा ब्लॉक के करकोई के जंगल मे रहने आदिवासियों ने जलसंकट से निपटने के लिए जंगल मे एक नाले का निर्माण कर दिया. करीब 6 साल से चल रहे श्रमदान और पिछले 2 वर्षों से युद्धस्तर अभियान का नतीजा है कि करकोई गांव के नादिया वाड़ी में अब धारा प्रवाह जल नाले की शक्ल में बहकर लोंगो की सभी दैनिक जरूरतें पूरी कर रहा है. यही नहीं नाले के जल से किसानो की खेती भी सिंचित हो रही है

आदिबासी अंचलो में जलसंकट की स्थिति हमेशा बनी रहती है. खेतो में सिंचाई के लिए तो अलग लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए भी परेशान रहते थे. ऐसे में इन आदिवासियों ने जंगल मे नाला खोदने का निर्णय लिया और गांव के करीब 25 परिवारों के लोग और महिलाएं जंगली पत्थरों के बीच पानी की बूंदे तलांशने में जुट गए. कुछ सालों के निरंतर प्रयास का नतीजा हुआ कि अब करीब 6 फ़ीट गहरा और 70 फीट लम्बाई वाले नाले में अब तेज जलधारा बह रही है. जिससे आदिबासी अपनी प्यास तो बुझाते ही है. साथ मे मवेशियों और अन्य ग्रामीणों की समस्याओं का भी हल हो गया. आदिवासियों द्वारा खोदे गए नाले के पानी से करीब 20 किसानों की सेकड़ो एकड़ जमीन भी सिंचित हो रही है.

लोगों ने बताया कि शुरुआती दौर में जलसंकट के चलते पँचायत स्तर से लेकर कई अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई. फिर सभी लोगों ने नाला खोदने का निर्णय लिया. आदिवासियों द्वारा किये गए प्रयास निश्चित ही सराहनीय है. ऐसे में यदि इन लोगों को थोड़ी सी भी सरकारी मदद मिल जाए तो बंजर भूमि उपजाऊ बन जाए और जलसंकट से परेशान लोंगो को मुक्ति मिल जाये.


About Author
न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

Other Latest News