Damoh News: रविवार को दमोह के डूमर गाँव के तालाब में डूबने से तीन बच्चियों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का बुरा हाल है। यह हादसा नोहटा थाना क्षेत्र का है। बच्चियों के शव को जिला अस्पताल के शव ग्रह में रखा गया है। सोमवार की सुबह पोस्टमॉर्टम होगा। मृतकों में राजेश्वरी उम्र 12 साल पिता हनुमत सिंह लोधी, माया बाई उम्र 9 वर्ष पिता अर्जुन सिंह लोधी और पिंसो उम्र 12 वर्ष पिता यशवंत सिंघ शामिल हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि तीनों बच्चियाँ मंदिर में भंडारे के लिए गई थी। लौटते वक्त तलैया तालाब में नहाने लगी। इसी दौरान मिट्टी फिसलने से अचानक डूबने लगी। जब उन्हें तालाब से निकाला गया तो वे बेहोश थी। आसपास मौजूद लोगो ने उन्हें तालाब से बाहर निकाला और नोहटा के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां व्यवस्था न होने की वजह से उन्हें दमोह के जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों बच्चियाँ एक ही परिवार की चचेरी बहने हैं।
जांच में जुटी पुलिस, पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा शव (Damoh Samachar)
इस हादसे की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन अस्पताल पहुंची। कलेक्टर के निर्देश के बाद दमोह के तहसीलदार भी अस्पताल पहुंचे। इस मामले को लेकर पुलिस जांच में जुट चुकी है। आसपास के लोगों से पूछताछ भी किया। नोहटा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बच्चियों का शव परिजनों को सौंपा जाएगा। अधिकरियो का कहना है कि तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है। प्रशासन की ओर से पीड़ितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया गया है।
टोटके और मान्यताओं से जुड़ा है मामला (MP News Today)
इस घटना टोटके और स्थानीय मान्यता से भी जोड़ा जा रहा है। दरअसल, इलाके में पर्याप्त बारिश नहीं हुई और ऐसी स्थिति में ग्रामीण चिंतित है। पुरानी मान्यता के मूताबिक ऐसी स्थिति और बारिश के लिए गावँ की छोटी-छोटी बच्चियों को अर्धनग्न कर के उन्हें मेंढकी डंडे में बांधा जाता है। फिर इन बच्चियों से गाँव मे भीख मंगवाई जाती है। इससे जो खाद्द सामग्री जमा होती है, उसे देवी के मंदिर में भंडारा आयोजित किया जाता है। ये बच्चियां भी इसी टोटके को करने के बाद भंडारा करके वापस लौटते वक्त तालाब में नहाने गई थी।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट