दमोह, गणेश अग्रवाल। जिले में वन विभाग के द्वारा एक ऐसे गिरोह को पकड़ा गया है जिसके द्वारा फर्जी पट्टा बनाकर आदिवासियों को देकर उन्हें मालिकाना हक दिलाने का फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। उनसे 2000 से लेकर 5000 रूपये प्रति पट्टा लेकर देने का मामला सामने आने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
दमोह वन विभाग के द्वारा जबेरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले अनेक ग्रामों में वन भूमि पर कब्जा किए लोगों को हटाने की कार्रवाई जब की गई, तो पता चला कि उनके पास वन अधिकार के पट्टे हैं। लेकिन जब उन पट्टों की जांच की गई तो पता यह चला कि उनमें से 95% पट्टे फर्जी है। पट्टा लिए हुए लोगों से जब पट्टा प्राप्त किए जाने के सूत्रों का पता किया गया तो बड़ा खुलासा हुआ, जिसमें दमोह जिला मुख्यालय पर किशोर दुबे नामक व्यक्ति को पकड़ा गया जो फर्जी पट्टे बनवाकर बेचता था। साथ ही एक फोटो कॉपी मशीन के साथ दुकान का संचालन करने वाले युवक को भी गिरफ्तार किया गया जिसके पास से कंप्यूटर के साथ अन्य सामग्री जप्त हुई और पूरे मामले का खुलासा हो गया। इसके साथ कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह लोग भोले भाले आदिवासी लोगों से 2000 से लेकर 5000 रूपये तक में मालिकाना हक के पट्टे दे देते थे, जिसका खुलासा किए जाने के बाद पूरे जिले में वनाधिकार पट्टों के मामले में जांच की जा रही है।