पति ने पत्नी, ससुर और साली पर किया जानलेवा हमला, ससुर-साली की मौत, पत्नी नाजुक

Gaurav Sharma
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दमोह, गणेश अग्रवाल। जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है और वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। जिले के हटा थाने के सनकुइया गांव में एक व्यक्ति ने अपने ससुर और साली को मौत के घाट उतार दिया वही उसकी पत्नी की हालत नाजुक बनी हुई है। मामला पत्नी के ससुराल ना जाने की नाराजगी है।

दरअसल सनकुइया गांव में रहने वाली द्रोपती अहिरवाल की शादी साल भर पहले पन्ना जिले के सिमरिया थाने के एक गांव में हुई थी। शादी के बाद से विवाद की वजह से द्रोपती अपने मायके सन कुइया में रह रही थी। पति बूटिया अहिरवाल कई बार पत्नी को लेने आया और जब वो नहीं गई तो मंगलवार की रात उसने ये ख़ौफ़नाक कदम उठाया । बूटिया अपनी पत्नी के घर आया और उसने ताबड़तोड़ चाकू चलाना शुरू कर दिया । द्रोपती को बचाने उसका पिता और साली आये लेकिन बूटिया आपा खो बैठा था और तीन लोगों को घायल कर भाग गया।

गंभीर हालत में घायलों को अस्पताल लाया गया लेकिन द्रोपती के पिता और बहिन ने दम तोड़ दिया। जबकि गंभीर अवस्था मे द्रोपती को दमोह के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोहरे हत्याकांड के बाद फैली सनसनी के बाद जिले के एसपी और एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे और आरोपी की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज की गई और देर रात आरोपी बूटिया अहिरवाल पुलिस गिरफ्त में आ गया है। पुलिस ने मामला कायम कर जांच में लिया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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