दमोह। गणेश अग्रवाल। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा के पहले भगवान बीमार हो जाते हैं, और भगवान को उपचार दिया जाता है. इसके साथ ही भगवान भक्तों को दर्शन नहीं देते. मतलब करीब 1 पक्ष यानी 15 दिन तक भगवान क्वॉरेंटाइन हो जाते हैं. दमोह के 200 वर्ष प्राचीन श्री जगदीश स्वामी मंदिर में भी भगवान बीमार हो गए हैं, और वे अब 15 दिन बाद ही भक्तों को दर्शन देंगे.
प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान जगदीश स्वामी आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष में 15 दिन तक बीमार रहते हैं. सर्दी जुकाम होने के कारण भगवान भक्तों को दर्शन नहीं देते, वहीं मंदिरों में भगवान की सेवा करने वाले पुजारी भगवान की सेवा करते हैं. वही एक वैद्य यानी डॉक्टर सुबह-शाम आकर भगवान की चिकित्सा भी करता है, मतलब इलाज भी करता है, और भगवान को देसी दवाइयां दी जाती है. यह खबर इसलिए भी खास है क्योंकि इन कोरोना संक्रमण के कारण 14 दिन का क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसी दौरान आषाढ़ मास में परंपरा के अनुसार भगवान जगदीश स्वामी क्वॉरेंटाइन हो गए हैं. ऐसे में पुरानी परंपरा के अनुसार इस बीमारी से निजात पाने के लिए करीब आधा महीने एकांतवास में रहना होता है और दवाइयां लेनी होती है. यही सब कुछ कोरोना बीमारी में भी हो रहा है. लोग अब मान रहे हैं कि भारतीय संस्कृति की पुरातन परंपराएं हमेशा ही नया संदेश देती है और इन दिनों भगवान जगदीश स्वामी का क्वॉरेंटाइन हो जाना कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है.