दमोह, गणेश अग्रवाल। जिले के चर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में एक बार फिर बसपा विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह को दमोह जिले के हटा एडीजे कोर्ट ने आरोपी बनाते हुए सात दिनों के अंदर सरेंडर करने का आदेश पारित किया है। इस आदेश के बाद बसपा विधायक रामबाई सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। रामबाई के मुताबिक उनके पति निर्दोष हैं जिसके तमाम साक्ष्य उनके पास हैं। उनका कहना है कि कोर्ट ने जो आदेश दिया है वो उसका सम्मान करती हैं लेकिन एडीजे कोर्ट के आदेश के खिलाफ वो हाईकोर्ट जाएंगी। बसपा विधायक रामबाई के मुताबिक उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है जिसे लेकर उन्होंने इशारों इशारों में इसमे शामिल लोगों को चेताया भी है।
मामला दो साल पहले 2019 सूबे में कमलनाथ सरकार बनने के कुछ दिन बाद का है जब हटा के कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी। गोविंद सिंह पर कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया और उनके बेटे सोमेश चौरसिया पर हमला करने का आरोप है। पुलिस ने विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह सहित उनके परिजनों को आरोपी बनाया था। रामबाई के पति के अलावा इस हत्याकांड में उनके देवर शैलेंद्र उर्फ चंदू, भाई लोकेश और अन्य लोगों पर भी आरोप लगा था। बाकी सभी आरोपी इस मामले में जेल में हैं। हालांकि कमलनाथ से नजदीकियों के चलते विधायक रामबाई सिंह को उस दौरान राहत भी मिली थी। मामले में बनाई गई एसआईटी ने रामबाई के पति गोविंद सिंह को मामले से बाहर कर दिया था। लेकिन न्यायालय में प्रकरण के विचारण के दौरान फरियादी पक्ष के साक्ष्य के आधार पर धारा 319 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अब एक बार फिर गोविन्द सिंह को आरोपी मानकर सात दिनों के भीतर पेश होने को कहा गया है।
माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार ने रामबाई की मदद करते हुए उनके पति को मामले से मुक्त किया था लेकिन रामबाई कह रही है को सरकार ने उनकी कोई मदद नही की थी। बहरहाल कोर्ट के आदेश के बाद अब देखना ये होगा कि विधायक के पति को पुलिस गिरफ्तार करती है या वो खुद पेश होते हैं या फिर हाईकोर्ट से उन्हें कुछ राहत मिलती है।