Damoh News: डकैती व हत्या के बाद इलाके में दहशत, जांच में जुटी पुलिस, सागर से बुलाई गई फॉरेंसिक टीम

पड़ोसियों ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के घर को देखा। जहां अलमारियां और सामान बिखरा पड़ा हुआ था।

Shashank Baranwal
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Damoh News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक घर में डकैती और हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। घटना को लेकर लोग डरे हुए हैं। दरअसल, दमोह के देहात थाना इलाके के बालाकोट में आज यानी शुक्रवार की सुबह एक घर में एक लाश बरामद हुई, जिसके हाथ- पैर बंधे हुए थे।

47 साल बताई जा रही मृतक की उम्र

मृतक का नाम दामोदर उर्फ दम्मू बंसल बताया जा रहा है, जोकि 47 साल है। बता दें मृतक का परिवार घर पर नहीं था। वहीं मृतक अपनी दो नातिनों के साथ घर में अकेला था। जब आज सुबह दामोदर के घर में कोई चहल पहल नहीं दिखी तो पड़ोसियों ने उनकी खैर खबर लेना चाही। वहीं घर में देखा तो सब सन्न रह गए। इस दौरान दामोदर लहू लुहान पलंग पर पड़ा था। उसके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे। जबकि दोनों बच्चियां भी बेहोशी की हालत में थी।

पड़ोसियों ने पुलिस को दी जानकारी

पड़ोसियों ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के घर को देखा। जहां अलमारियां और सामान बिखरा पड़ा हुआ था। पहली नजर में ये डकैती के साथ हत्या का मामला सामने आया है। वहीं वारदात के वक़्त कमरे में मौजूद मृतक की नातिन खुशी बताती है कि पांच लोग रात में आये थे, जिन्होंने उसके नाना के साथ मारपीट की और हाथ-पैर बांधे। इस दौरान आरोपियों ने चाभी मांगी और अलमारी में रखे हुए सामान को निकालकर ले गए।

जांच में जुटी पुलिस

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के एसपी सुनील तिवारी ने मोर्चा संभालाकर जांच शुरू कर दी है। एसपी के मुताबिक दामोदर की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है। इस मामले में सागर से फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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