दमोह। मध्यप्रदेश में नई शराब नीति पर अब सियासत शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा की कांग्रेस फिर उसी रास्ते पर आ गई है जिस रास्ते पर 15 साल पहले थी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा सार्वजनिक स्थल पर शराब की बिक्री पर रोग लगाना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार खुलेआम शराब बेच रही है। इससे प्रदेश का माहौल खराब होगा। दरअसल मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य की आबकारी नीति तय कर दी है। नई आबकारी नीति में राज्य सरकार ने प्रदेश में शराब का आधे से ज्यादा धंधा बड़े कारोबारियों को देने का प्रावधान किया है। नई आबकारी नीति लागू होने के बाद राज्य में शराब के छोटे ठेकेदार धंधे से बाहर हो जाएंगे।नई आबकारी नीति के मुताबिक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो समूहों के पास शराब की सभी दुकानों का अधिकार होगा। मध्य प्रदेश के अन्य 12 नगर निगमों में एक ही समूह शराब का कारोबार करेगा। शराब के ठेकों का सालाना शुल्क भी 25% बढ़ा दिया गया है। भोपाल-इंदौर में विदेशी ब्रांड के शराब की दो-दो और जबलपुर-ग्वालियर में एक-एक दुकानें खोली जाएंगी।
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