भोपाल/दमोह।
मध्य प्रदेश में दूसरे चरण के लिए सोमवार को सात सीटों पर चुनाव होना है। इसमें दमोह लोकसभा सीट भी शामिल है। लेकिन स्थानीय लोगों ने यहां मतदान का बहिष्कार करने की धमकी दी ��ै। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यहां सूखे की समस्या खत्म नहीं की गई तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे। लोगों का कहना है कि वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे क्योंकि क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
दरअसल, समदई गांव लंबे समय से सूखे की समस्या से जूझ रहा है। लेकिन पानी की समस्या का समाधान किसी ने नहीं किया फिलहाल इस सीट पर यहां से बीजेपी सांसद बनते रहे हैं। लेकिन विकास के नाम पर सिर्फ वोट लिए जाते हैं जीत के बाद कोई सांसद पलट कर नहीं देखता। यह आरोप स्थानीय लोगों ने लगाए हैं। दमोह के 18 गांव के लोगों ने यह फैसला किया है। और उन्होंंने कलेक्टर को इस संबंध में एक पत्र भी सौंपा है। और मांग की है कि जिले के हर गांव में एक कुंआ खुद वाया जाए। जिससे यहां पीने के पानी की किल्लत खत्म हो सके। यही नहीं विरोध प्रदर्शन करते हुए गांवावलों ने कलेक्टर आफिस के बाहर नारे भी लगाए, ” तालाब नहीं तो वोट नहीं “
एएनआई से बात करते हुए, प्रदर्शनकारियों में से एक सावित्री देवी ने कहा: “हमें पानी लाने के लिए घंटों चलना पड़ता है। कोई विकल्प नहीं है क्योंकि हमारे गाँव में तालाब नहीं है।” इसी तरह की भावनाओं को देखते हुए, एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा: “हमने पहले दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटेल के समक्ष अपनी मांगों को रखा था, कोई फायदा नहीं हुआ। अधिकारियों ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। अगर इस बार हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम इस चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।”
अपर कलेक्टर आनंद कोपरिया ने हालांकि आश्वासन दिया कि ग्रामीणों की मांगों को पूरा किया जाएगा। एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा, “हमने पत्र को आगे बढ़ा दिया है। हम मामले के बारे में ग्रामीणों से भी बात करेंगे।”