दमोह।
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में लोकायुक्त की टीम ने रेलवे स्टेशन के आरपीएफ कार्यालय में पदस्थ एएसआई को दस हजार रुपए की रिश्वत हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि एएसआई ने स्टेशन के बाहर खड़ी बस के एवज में ऱिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत बस सर्विस के संचालक ने सागर लोकायुक्त से की थी, जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
जानकारी के अनुसार, नूरी बस सर्विस के संचालक अकबर पठान दमोह से कुंडलपुर यात्री बस का संचालन करते हैं। बस हर रोज सुबह 6 बजे रेलवे स्टेशन के बाहर पहुंचती है। जहां पर बाहर से आने वाले यात्रियों को बस में बिठाकर वह कुंडलपुर के लिए बस रवाना होती थी। बस खड़ी करने का उनके पास आरटीओ का परमिट भी था।बावजूद इसके आरपीएफ में पदस्थ एएसआई अवधेश मिश्रा रेलवे के नियमों का हवाला देकर बस खड़ी करने के एवज में हर माह 1500 रुपए रिश्वत देने की मांग कर रहा था, इसके लिए वे रोज संचालक को परेशान भी करते था। एक दिन तंग आकर संचालक ने इसकी शिकायक सागर लोकायुक्त से कर दी।
टीम ने योजना बनाकर शनिवार देर रात संचालक को पैसे लेकर एएसआई के पास भेजा। जैसे ही एएसआई ने पैसों के लिए हाथ बढ़ाया तो लोकायुक्त टीम ने उसे घेर लिया, लेकिन एएसआई ने सबको चकमा देकर दौड़ लगा दी। प्लेटफॉर्म नंबर 1,2 और 3 पार करके एएसआई लोकाे यॉर्ड की ओर भागा लेकिन इस बीच वह एक पत्थर में फंसकर गिर गया जहां से कांस्टेबलों ने उसे पकड़ा और कोतवाली लाए। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि आरोपी मिश्रा से रिश्वत के 500-500 रुपए के 20 नोट बरामद किए गए हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।