अज्ञात बदमाशों ने दमोह जिला अस्पताल के ओपीडी में की तोड़फोड़, स्टाफ नर्स के साथ बदसलूकी, जाँच में जुटी पुलिस

दमोह के एक अस्पताल में घटी दो घटनाओं को लेकर पुलिस जांच का हवाला दे रही है जांच होगी शायद आरोपी भी पकड़े जाएं पर सवाल ये है कि आखिर ऐसे हालातो में स्वास्थ्य कर्मी काम कैसे करें?

Amit Sengar
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Damoh News : देश भर में बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ घटी घटना के बाद आक्रोश है, तो एमपी में भी हालात कुछ ठीक नही है, सूबे के दमोह से ऐसी ही खबर है जहां एक रात में दो वारदातें हुई और इन घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। देखिए ये रिपोर्ट..

क्या है पूरा मामला

पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद देश भर में सनसनी फैली हुई है सियासत गर्म है तो आज देश भर में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग हड़ताल पर हैं ऐसे में जरा एमपी के दमोह के हालात पर भी नजर डाल लीजिए। जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल यानी जिला चिकित्सालय पूरी तरह से असुरक्षित है जहां काम करने वाला स्टाफ डरा हुआ है, यहाँ एक रात में दो घटनाएं हुई और इन घटनाओं ने यहाँ दहशत फैला दी है। पहली वारदात एक स्टाफ नर्स के साथ घटी। अस्पताल के ट्रामा वार्ड में भर्ती एक मरीज के तीमारदार देर रात मरीज से मिलने आये, लेकिन मरीज का हालचाल जानने की बजाए वो स्टाफ नर्स पर भड़क गए। बताया जा रहा है कि मरीज को देखने आए लोग नशे में थे और उन्होंने स्टाफ नर्स से बदसलूकी की। अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने जैसे तैसे हालात पर काबू पाया और उत्पात मचाने के बाद उपद्रवी भाग गए। मामले कि सूचना अस्पताल के सिविल सर्जन को दी गई तो प्रबन्धन के साथ पीड़ित नर्स पुलिस कोतवाली पहुची जहां उसने शिकायत दर्ज कराई है।

जिला अस्पताल में रात के समय एक और वारदात हुई जिसे किसने घटित किया कब और कैसे घटी ये सवाल भी बड़ा है, क्योंकि पूरे समय भीड़भाड़ रहने वाले इस क्षेत्र में जमकर तोड़फोड़ हुई है। जिला अस्पताल के ओपीडी कक्ष को जब सुबह खोला गया तो इस रूम में सब कुछ बिखरा पड़ा था , कंप्यूटयर टूटे पड़े थे ओपीडी का सामान बिखरा पड़ा था वायर कटे थे और तसवीरें बयान कर रही है कि यहां चोरी नही हुई बल्कि यहाँ तोड़फोड़ ही हुई है मगर किसने की ये सवाल बड़ा है।

एक रात में घटी दो घटनाओंं ने सबको हिला कर रख दिया है और दमोह पुलिस के सामने भी ये घटनाएं चुनोती हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियो ने यहां दौरा किया और हालात जाने।

ऐसे वक्त जब चिकित्सा क्षेत्र को लेकर इस वर्ग से जुड़े लोगो की सुरक्षा को लेकर देश भर में सवाल उठाये जा रहे हैं केंद्र सरकार तक इस तरह के मामलो में सवेदनशीलता जता रही है देश के पीएम लाल किले से बंगाल की घटना को लेकर चिंता जता रहे हैं और धरती में कलियुग के भगवान कहे जाने वाले डाक्टर्स हड़ताल पर हैं ऐसे वक्त लाखो लोगो के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभाने वाले जिला अस्पताल में दो दो वारदातें चिंता में जरूर डाल रही हैं। ये हालात इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति भी जाहिर कर रही है। दमोह के एक अस्पताल में घटी दो घटनाओं को लेकर पुलिस जांच का हवाला दे रही है जांच होगी शायद आरोपी भी पकड़े जाएं पर सवाल ये है कि आखिर ऐसे हालातो में स्वास्थ्य कर्मी काम कैसे करें?
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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