रेलवे अंडर ब्रिज में पानी और कीचड़ में महिला ने दिया बेटी को जन्म, जिम्मेदारों ने दिए ये तर्क

स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि आज जब रेलवे के पुल के नीचे गंदगी में डिलीवरी होने की खबर लगी तो तुरन्त ही एम्बुलेन्स भेजकर महिला और उसके बच्चे को बनवार अस्पताल में दाखिल कराया गया है। नवजात पूर्ण स्वस्थ है जबकि उसकी माँ को पेट मे तकलीफ है जिसे इलाज दिया जा रहा है।

Atul Saxena
Published on -
Damoh News

Damoh News :  एमपी के दमोह से बड़ी खबर सामने आई है यहाँ एक गर्भवती महिला ने रेलवे के अंडर ब्रिज में एक बच्ची को जन्म दिया है, महिला का प्रसव कीचड़ और पानी में हुआ है, अच्छी बात ये है कि नवजात स्वस्थ्य है लेकिन माँ के पेट में तकलीफ है। पूरे घटनाक्रम पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी बयान सामने आया है।

दरअसल दमोह जिले के घटेरा में घुमंतू प्रजाति के लोग एक डेरे में रहते है , इस डेरे की एक महिला गर्भवती थी और आज सुबह उसे तकलीफ हुई तब डेरे की महिलाएं उसे लेकर अस्पताल जा रही थी। इन लोगों को रेलवे क्रॉसिंग पार करना थी, अंडर ब्रिज के ऊपर ट्रेक पर मालगाड़ी खड़ी थी जबकि अंडर पास में पानी भरा था।

पानी और कीचड़ में जन्मी बेटी 

लिहाजा महिलाओ ने गर्भवती महिला को इसी अंडर ब्रिज से ले जाना उचित समझा लेकिन इस पुलिया के अंदर ही महिला को तेज दर्द हुआ तो उसने पानी और कीचड़ में ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। इस तरह पानी और कीचड़ में डिलीवरी होने के बाद लोग महिला और उसके बच्चे को वापस डेरा में ले गए।

जिम्मेदारों ने दिया ये तर्क 

इस हैरत में डालने वाले मामले की खबर घटेरा के स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को खबर की और टीम ने जच्चा बच्चा को पास के बनवार अस्पताल में दाखिल कराया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रीतारानी चटर्जी के मुताबिक  गर्भवती महिला दो तीन दिन पहले ही राजस्थान से अपने परिजनों से मिलने डेरे में आई थी, इलाके की आशा कार्यकर्ता ने उसे अस्पताल में दाखिल होने को कहा था लेकिन वो लोग तैयार नहीं हुए। आज जब रेलवे के पुल के नीचे गंदगी में डिलीवरी होने की खबर लगी तो तुरन्त ही एम्बुलेन्स भेजकर महिला और उसके बच्चे को बनवार अस्पताल में दाखिल कराया गया है। नवजात पूर्ण स्वस्थ है जबकि उसकी माँ को पेट मे तकलीफ है जिसे इलाज दिया जा रहा है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News