दमोह।
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक महिला एसआई ने टीआई पर छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इस मामले में टीआई ने पीएम मोदी, सीएम कमलनाथ और राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है। वही टीआई का कहना है कि महिला पुलिस अधिकारी मानसिक रुप से बीमार है।उन पर लगे सारे आरोप निराधार है।वे इस मामले में पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों को शिकयत कर चुके है। महिला टीआई के आरोप के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, जिले की एक महिला सब इंस्पेक्टर ने कोतवाली टीआई रवींद्र गौतम पर अश्लील हरकत करने और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि जब सितंबर 2018 वे कोतवाली के एक थाने में पदस्थ थी तब टीआई गौतम उससे अनर्गल बातें करते रहते थे, पहले तो वह उनकी हरकतों को नजरअंदाज करती रहीं, लेकिन एक दिन जब मैने उन्हें डांट दिया तो वे नाराज हो गए। इसके बाद एक महिने के बाद अक्टूबर 2018 को दोपहर एक बजे टीआई ने उन्हें एक केस डायरी के सिलसिले में अपने कक्ष में बुलाया और अभद्रता करते हुए अश्लील गालियां दीं और मारने के लिए भी दौड़े।अब भी वे मुझे घुरते है मुझे जान का खतरा बना हुआ है, इसलिए मजबूर होकर मैने पीएम, सीएम और आयोग को पत्र लिखा है ताकी मुझ जैसी अन्य महिला अधिकारियों को न्याय मिल सके।
महिला एसआई ने अपने आरोप में अन्य जिलों में महिला अधिकारियों के साथ हुई घटनाओं का भी जिक्र किया है। उसमें लिखा गया है कि टीआई रवींद्र गौतम ने जबलपुर गढ़ा थाने में रहते हुए एक महिला अधिकारी और नरसिंहपुर कोतवाली टीआई के तौर पर पदस्थ एक महिला पुलिस अधिकारी से भी अभद्रता की थी। महिला सब इंस्पेक्टर का आरोप है कि टीआई गौतम स्टाफ पर दबाव बनाकर रखते हैं, ताकि कोई उनके खिलाफ गवाही न दे सके।वही टीआई ने महिला एसआई के आरोपों को गलत बताते हुए उसे मानसिक रुप से बीमार बताया है।उनका कहना है कि बीमार होने के चलते उनसे स्टाफ में कोई उससे बात नहीं करता, उनका व्यवहार सही नही है वे सभी से गालियां देकर बात करती है, इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है।इसी के चलते उन्हें बीते दिनों दो महिने के अवकाश पर भेजा भी गया था।इस संबंध में एसआई ने उसने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है।