दमोह पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मारे गए मजदूरों और घायलों को आज तक नहीं मिली कोई मदद, पीड़ितों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

मामले की जांच के दावे किये गए लेकिन प्रशासन स्तर पर इस अवैध फैक्ट्री को लेकर किसी भी जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है।

Amit Sengar
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Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में भी हरदा की तरह बीते 31 अक्टूबर 2023 को पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ था जिसमें फैक्ट्री संचालक के साथ कुल 07 लोगों की मौत हुई थी जबकि 07 घायल मजदूर थे, इन घायलों और मृतकों के परिजनों को आज तक यानी तीन महीने से ज्यादा का वक़्त बीत जाने के बाद भी सरकार से कोई मदद नसीब नहीं हुई है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, 31 अक्टूबर 2023 को दमोह के घने रिहायशी इलाके बड़ा पुल इलाके में एक भीषण विस्फोट हुआ था, ये विस्फोट यहां चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुआ था, दोपहर के वक़्त जब विस्फोट हुआ तब मजदूर पटाखा फैक्ट्री में काम कर रहे थे। इस विस्फोट में पटाखा फैक्ट्री के संचालक सहित तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दस घायलों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान तीन और मजदूरों ने दम तोड़ दिया जबकि अधिकांश घायल अब भी तकलीफ में है। आज इत्तेफाक है कि जिस वक्त सूबे के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ उसी वक़्त ये पीड़ित लोग दमोह के कलेक्टर के पास मदद की गुहार लगा रहे थे। मृतक मजदूरों के परिजनों और घायलों के साथ उनके परिजन कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और अपनी मांग का ज्ञापन उन्होंने दिया।

लोग कर्ज लेकर करा रहे है इलाज

पीड़ितों के मुताबिक तीन महीने पहले हुए विस्फोट के बाद आज तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। स्थानीय स्तर पर सिर्फ जिला अस्पताल में हुए इलाज के अलावा कोई सहायता नसीब नहीं हुई। तत्कालीन समय में प्रदेश में चुनाव के चलते आचारसंहिता लगी थी लेकिन आज तक कोई भी सहायता नहीं मिल पाई है। घायलों की स्थिति आज भी ठीक नही है और अधिकांश लोग कर्ज लेकर इलाज करा रहे हैं। इस मामले में जिला प्रशासन के पास कोई माकूल जवाब नहीं है।

जिम्मेदार पर आज तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

एडीएम के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में शासन के पास फाइल बनाकर भेजी गई है अभी तक शासन स्तर से कोई राशि नहीं आई है जैसे ही मदद की राशि आती है पीड़ितों को दे दी जाएगी। इसके अलावा सात लोगों की मौतों के बाद सरकार ने जिम्मेदारों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। बीच शहर में अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री का संचालन हो रहा था गनीमत थी कि भीषण विस्फ़ोट ने आसपास के लोगों को प्रभावित नहीं किया, मामले की जांच के दावे किये गए लेकिन प्रशासन स्तर पर इस अवैध फैक्ट्री को लेकर किसी भी जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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