झोलाछाप डॉक्टर ने किया गलत इलाज, 11 माह की बच्ची ने गंवाई जान

Amit Sengar
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दतिया, सत्येंद्र सिंह रावत। मध्यप्रदेश के दतिया (datia) जिले में झोलाछाप डॉक्टरों (fake doctor) का कहर बरकरार है आज ऐसे ही एक डॉक्टर के इलाज से 11 माह की बच्ची ने अपना दम तोड़ दिया घटना दतिया जिले के थाना जिगना क्षेत्र के ग्राम कांवर की है।

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आपको बता दें कि ग्राम कांवर में हनुमंत अहिरवार की 11 माह की बच्ची वैष्णवी को मामूली खांसी जुखाम हुआ था। जो इलाज का परामर्श लेने के लिए झोलाछाप डॉक्टर दीपक पुत्र प्रताप परिहार से इलाज कराने गए थे तभी निजी क्लीनिक चलाने वाले दीपक परिहार ने 11 माह की बच्ची को गलत इंजेक्शन लगा दिया बच्ची का दम इंजेक्शन लगते ही टूट गया परिजन आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय लाए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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गौरतलब है कि यह दतिया जिले में पहला मामला नहीं है 3 दिन पूर्व भांडेर क्षेत्र के ग्राम पंडोखर में भी मुख्य चिकित्सा अधिकार आर बी कुरेले को की सूचना मिली थी उन्होंने कार्रवाई करते हुए दो झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील किए थे और आरबी कुरेले ने कारवाही की थी लेकिन अब चौथे रोज 11 माह की बच्ची वैष्णवी की मौत हो गई। वैष्णवी मौत के बाद परिजन झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। घटना के बाद निजी क्लीनिक चलाने वाला चिकित्सक क्लीनिक पर ताला डालकर फरार बताया गया है पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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