सेवढा, राहुल ठाकुर। सेवढा (sewdha) नगर का प्रशासन (administration) आखिर चुप्पी क्यों साधे हुए है ये बात समझ से परे है या तो सत्ता पक्ष की आड़ में फल फूल रहा रेत का कारोबार या कोई अन्य वजह है। इसी क्रम में सेवढा अनुभाग के डीपार थाने की मंगरोल चौकी के ठीक सामने रेत (sand) के परिवहन करने वाले वाहनों पर जमकर अवैध वसूली की तस्वीरें भी वायरल हुई और दैनिक अखबारों में भी प्रमुखता से अवैध वसूली (illegal recovery) की खबर प्रकाशित की गई।
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इसकी खबर और तस्वीरें दोनों ही वायरल होने के बाद भी स्थानीय अधिकारी शिकायत आने का इंतजार कर रहा है आखिर किसके इशारे पर रेत का अवैध उत्खनन सेवढा में बिना किसी स्वीकृत खदान से किया जा रहा है जो बिना कोई रोक टोक के आज भी संचालित किया जा रहा है जिसका एक हिस्सा स्थानीय प्रशासन के आला अफसरों के बंगलो पर पहुँच रहा है जिसके चलते स्थानीय अफसर इस हिस्से को गवाना नहीं चाहते इसलिए कंही न कहीं रेत माफियाओं पर कार्यवाही करने वाले अभियान पर उनकी तरफ से ही रोक लगी है। तभी तो सेवढा अनुभाग में यह कहावत चरितार्थ होती नजर आती है न कभी रुका है न कभी रुकेगा।
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रेत के अवैध उत्खनन की बात कहे या रेत से भरे वाहनों की अवैध बसूली दोनो ही कार्य अवैध माने जाते है लेकिन इन पर लगाम कसने की बजह क्षेत्र के थाना अधिकारी हो या वरिष्ठ अफसर रेत के काले कारोबार को अंजाम देने वाले माफियाओ को खुला संरक्षण देकर गहरी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है जिसके चलते थानों के सामने अवैध वसूली करते व्यक्ति थाने के सामने देखे जा सकते है जो बेखोफ होकर बसूली करते है वंही इन प्राइवेट व्यक्तियों से जब बात करने की कोसिस की गई तो वह भागते नजर आते है।