दतिया, सत्येन्द्र रावत। स्वास्थ्य विभाग (health Department) लोगों की जान बचाने के लिए होता है। लेकिन कई बार स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह स्टाफ और अधिकारी ही जनता की जान की दुश्मन बन बैठते हैं। कहीं लोगों को कोरोना वैक्सीन की जगह रेबीज का इंजेक्शन लगा दिया जाता है तो कहीं कोवैक्सिन की जगह कोविशिल्ड। ताजा मामला दतिया जिले (Datia District) का है। जहां एक गर्भवती महिला को टिटनेस (tetanus) की जगह कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की पहली या दूसरी नहीं बल्कि तीसरा डोज लगा दिया गया।
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मामला जिले के इंदरगढ़ स्थित अस्पताल का है। जहां एक नर्सिंग स्टाफ ने 20 वर्षीय गर्भवती महिला ज्योति साहू को कोवैक्सीन का तीसरा डोज लगा दिया। जबकि महिला को 14 सितंबर को ही वैक्सीन का दूसरा डोज लगा था । ज्योति साहू 3 माह के गर्भ के दौरान लगने वाले टिटनेस और दूसरे लगने वालों टीकों के लिए इंदरगढ़ अस्पताल आई थी। जिस कमरे में उसे टीका लगना था उसी कमरे में कोरोना वैक्सीनेशन भी हो रहा था। और नर्सिंग स्टाफ ने बिना पूछे उसे कोरोना का टीका लगा दिया।
जब इस लापरवाही के बारे में ज्योति के पति को मालूम चला तो उसने अधिकारियों से इस गंभीर लापरवाही की शिकायत की तो संबंधित अधिकारियों का पल्ला झाड़ते हुए नजर आए। अधिकारियों का कहना है कि जांच करवाते हैं कि कैसे क्या हुआ है। वहीं इदरगढ़ बीएमओ डॉ खरे का कहना है की मामला संज्ञान में आया है लेकिन गर्भवती महिला ने नर्स को यह नहीं बताया कि टीका कौन सा लगना है। जिसकी वजह से गर्भवती महिला को कोविड वैक्सीन डोज लग गया। गर्भवती महिला के परिजनों से संपर्क में है अभी तक कोई समस्या नहीं आई है। वह बिल्कुल स्वस्थ है अगर कोई समस्या आती है तो उसका उपचार कराया जाएगा।
इधर, इस मामले में गर्भवती महिला ज्योति के पति का कहना है कि मेरी पत्नी मेरी मां के साथ टिटनेस का दूसरा टीका लगवाने आई थी लेकिन नर्स ने बिना पूछे कोरोना का तीसरा डोज लगा दिया जबकि उसे पहले ही दोनों डोज लग चुके हैं।