Davv University : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने करीब 300 से ज्यादा कॉलेज के तीन लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की आर्थिक सहायता के लिए कई योजनाएं शुरू की है। इन योजनाओं के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर बताई जा रही है। 31 दिसंबर से पहले छात्र-छात्राएं इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अभी तक इस योजना के चलते 3 साल में एक बार छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाती थी, लेकिन इस साल से हर साल छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू की जा रही है। बता दे,आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जा चुकी है। छात्र-छात्राएं ऑनलाइन के माध्यम से वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। अगर यूनिवर्सिटी के छात्र शर्तों की श्रेणी में आते हैं तो उन्हें तीन तरह की सहायता दी जाएगी। चलिए जानते हैं वह कौन-कौन सी तीन तरह की आर्थिक सहायता है जो छात्रों को दी जाने वाली है –
जिनके पिता नहीं है उन्हें अधिकतम सहायता दी जाएगी
यह योजना उन छात्र-छात्राओं के लिए हैं जिनके पिता नहीं है उन्हें करीब 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता यूनिवर्सिटी से दी जाएगी। लेकिन इसके लिए छात्रों के पास पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र होना जरूरी है। इसके जरिए ही उन्हें हर साल आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
दिव्यांग सहायता
यह योजना उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो दिव्यांग है उन्हें दो कैटेगरी में सहायता प्रदान की जाएगी। दरअसल जो 50% से ज्यादा दिव्यांग है उन्हें 10 हजार रुपए की सहायता मिलेगी और जो 50% से कम दिव्यांग है उन्हें 7500 रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। लेकिन इसके लिए छात्रों के पास जिला अस्पताल का सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
दुर्घटना सहायता
यह योजना उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उनके परिवार को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। वहीं घायल होने पर इलाज के लिए 5 से 50 हजार रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है। अगर इससे ज्यादा का खर्च आता है तो उतनी राशि भी यूनिवर्सिटी द्वारा ही दी जाती है।
आवेदन करने की प्रक्रिया
अगर आप इन आर्थिक सहायता की मदद लेना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इस सहायता का फायदा उन्हें छात्रों को मिल सकेगा जिनके परिवार की सालाना इनकम डेढ़ लाख या उससे कम होगी। इतना ही नहीं उनके पास पर्याप्त डॉक्यूमेंट होना भी अनिवार्य है। अगर किसी छात्र को आवेदन भरने में दिक्कतें आ रही है तो उनकी मदद यूनिवर्सिटी के प्राचार्य और विभाग अध्यक्ष भी करेंगे। खास बात यह है कि इंदौर के 300 से ज्यादा कॉलेज के छात्र-छात्राएं इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।