छतरपुर में दिखा IPL जैसा नजारा, देसी चीयरलीडर्स ने बिखेरा जलवा, देखें वीडियो

Gaurav Sharma
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छतरपुर, डेस्क रिपोर्ट। जिस तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट (International cricket) में टीम द्वारा चौके और छक्के लगाने पर चीयरलीडर्स (Cheerleaders) डांस (Dance) करती है। ठीक ऐसा ही मंजर छतरपुर (Chhatarpur) जिले में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट (Cricket tournament) में देखने को मिल रहा है। जहां पर IPL की तरह चौके-छक्के लगाने पर देसी चीयरलीडर्स का जलवा देखने को मिल रहा है। जो हर चौके और छक्के पर डांस करती नजर आ रही है। ये देसी चीयरलीडर्स (Desi Cheerleaders) पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। बता दें कि इन दिनों सभी क्षेत्रों में क्रिकेट और कबड्डी (Cricket and Kabaddi) जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।

छतरपुर में दिखा IPL का नजारा

जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड (Bundelkhand) के छतरपुर जिले (Chhatarpur district) के बमीठा थाना (Bamitha Police Station) क्षेत्र के काबर गांव (Kabar Village) में स्वर्गीय गुबरा अहिरवार (Gubra Ahirwar) की स्मृति में सोमवार को एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन (Cricket tournament organized) किया गया, जो टूर्नामेंट चर्चा में बना हुआ है। क्योंकि यहां पर खिलाड़ियों द्वारा चौके और छक्के पर देसी चीयरलीडर्स (Desi Cheerleaders) डांस कर उन्हें चीयर कर रही थी। ग्रामीणों को भी देसी चीयरलीडर्स (Desi Cheerleaders) का यह तरीका बेहद पसंद आया। जिन्हें देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ भी एकत्रित रही।

देसी चीयरलीडर्स रही चर्चा का विषय

सोमवार को काबर गांव (Kabar Village) में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला (Cricket tournament final match) सीलोन और दुपरिया के बीच खेला गया। इस दौरान चार लड़कियों को चीयरलीडर्स (Desi Cheerleaders) के रूप में बुलाया गया था। जो हर चौके और छक्के पर डांस (Dance) कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर रही थी। इस दौरान सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया था जहां देसी चीयरलीडर्स (Desi Cheerleaders) की सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। जो स्टेज पर तैनात थे। इस दौरान क्रिकेट का फाइनल मैच (Cricket final match) देखने के लिए गांव के साथ-साथ ही आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोग भी पहुंचे थे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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