बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति से वंचित पूर्व सीएम का क्षेत्र, जिले से सिंधिया समर्थकों को मिली जगह

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देवास, सोमेश उपाध्याय। मप्र (MP) में भाजपा (BJP) द्वारा कल रात प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों की सूची जारी की गई थी। जिसमें सिंधिया (Scindia) समर्थकों को ज्यादा तवज्जों दी गई। वहीं पूर्व सीएम व भाजपा के पितृ पुरुष स्व.कैलाश जोशी के विधानसभा क्षेत्र बागली (Bagli) से किसी भी नेता या कार्यकर्ताओं को स्थान नहीं मिला है।

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पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी की उम्मीद
कहा जा रहा है कि सूची जारी होने के बाद मूल भाजपा कार्यकर्ताओं नाराजगी देखने को मिल सकती है। पार्टी कार्यकर्ताओं का दबे स्वर में कहना है कि बागली के कार्यकर्ताओं ने जनसंघ के जमाने से ही विपरीत समय मे संगठन का कार्य किया है। यहां के कार्यकर्ताओं से मिलने अटलबिहारी वाजपेयी, कुशा भाऊ ठाकरे,राजमाता सिंधिया जैसे दिग्गज नेता आते थे, परन्तु वर्तमान भाजपा ने सत्ता और संगठन दोनों से क्षेत्र को वंचित रखा।

इनके नाम शामिल
देवास से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में विधायक गायत्रीराजे पँवार, पूर्व विधायक सुरेंद्र वर्मा, सुरेश आर्य, पूर्व पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष रायसिंह सेंधव और सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक गणपत पटेल को विशेष आमंत्रीय सदस्य व कार्यसमिति में पूर्व जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार, बहादुर मुकाती, खातेगांव-कन्नौद विधायक आशीष शर्मा व सिंधिया समर्थक हॉटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी को शामिल किया गया है। बीजेपी ने सिंधिया समर्थक नेताओं को स्थान दे कर अपने पुराने कार्यकर्ताओं को ही नकार दिया है। बरहाल बागली विधानसभा के कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप है कि पूर्व सीएम स्व.कैलाश जोशी व सांसद स्व.नन्दकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद से ही संगठन द्वारा बागली क्षेत्र को हर कार्य में छोड़ दिया जाता है।

इधर इस पर भाजपा सम्भागीय संगठन मंत्री जितेंद्र लिटेरिया का कहना है कि बागली विधानसभा भाजपा की महत्वपूर्ण सीट है। हमारे पास बागली में नेता भी है और कार्यकर्ता भी और संभावना भी है। प्रदेश संगठन से बात करेंगे। वहीं बीजेपी के बागली मण्डल अध्यक्ष टिकेंद्रप्रताप सिंह ने बताया कि बागली भाजपा का अभेद गढ़ रहा है। यदि सन1998 का चुनाव छोड़ दिया जाए तो सन 1962 से आज तक लगातार यहां से भाजपा की जीत हुई है। पहली दफा यहां के किसी भी कार्यकर्ता या नेता को प्रदेश कार्यसमिति में को स्थान नही मिला है, यह हम सबके लिए चिंता का विषय है। बागली के पास भी प्रदेश स्तर के नेता है,संगठन को इस विषय पर भी गम्भीरता से विचार करना चाहिए।

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Harpreet Kaur

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