बागली,सोमेश उपाध्याय| अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) आज छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के दुर्ग (Durg) में पंचतत्व में विलीन हो गए। श्री वोरा की यादें देवास (Dewas) के बागली (Bagli) से भी जुड़ी हैं। उनके यह दो संस्मरण उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाते है।
बागली में कॉलेज नही होने से स्थानीय लोग पूर्व सीएम स्व.कैलाश जोशी के बंगले पर पहुँचे और कॉलेज की मांग करने लगें।अपने सिद्धांतों के पक्के स्व.जोशी उन दिनों विपक्ष के नेता थे और स्व.वोरा मुख्यमंत्री। जोशी ने हॉटपिपल्या में कालेज होने के कारण नियमो का हवाला देते हुए मना कर दिया। तब जोशी की धर्मपत्नी स्व.तारादेवी जोशी ने ख़ुद सीएम वोरा को फ़ोन कर बागली में कॉलेज खोलने आगृह किया। तब वोरा श्रीमती जोशी के आग्रह को नही टाल सके और नियमो के विपरीत बागली में भी कालेज की सौगात दी और कॉलेज बनने के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री चित्रकान्त जायसवाल ने कॉलेज का उद्घाटन किया।यानी वोरा दलीय राजनीति से ऊपर सम्बन्धो को महत्व देने वाले नेता थे।
बागली से जुड़ा स्व.वोरा एक संस्मरण यह भी है कि एक दफा वे मुख्यमंत्री रहते हुए बागली के कन्या हाय स्कूल का निरक्षण करने पहुँचे थे। तब माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शुल्क बड़ा दिया था। तब काँग्रेस नेता स्व.ओम प्रकाश जायसवाल ने बढे हुए शुल्क वापस लेने की मांग की तो वोरा ने कहा कि शुल्क सरकार ने नही बोर्ड ने बढ़ाए है तो कांग्रेस नेता जायसवाल ने वोरा से कहा कि बोर्ड बड़ा है या सरकार। तब वोरा ने छोटे से कार्यकर्ता की बात मानते हुए पूरे प्रदेश में शुल्क वापास लिया था। वोरा जितने बड़े व्यक्ति उतना ही बड़ा उनका दिल था। वे छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी उतना महत्व देते थे जितना बड़े पदाधिकारी को।