देवास, सोमेश उपाध्याय। नगरीय निकाय चुनावो के दूसरे चरण के परिणाम आने के बाद देवास को प्रथम नागरिक मिल गया है। बीजेपी की महापौर प्रत्याशी गीता अग्रवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी विनोदिनी व्यास को 45884 मतों से भारी शिकस्त दी। देवास में इस बड़ी जीत के साथ पैलेस का जादू एक बार फिर बरकरार दिखा।
गौरतलब है कि देवास की राजनीति में लंबे अरसे से पूर्व मंत्री स्व. तुकोजीराव पंवार का ही सिक्का चलता आया है। पंवार के निधन के बाद भी पैलेस यानी राजमहल ने ही देवास की राजनीति को दिशा दी है। वर्तमान में देवास विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पंवार व उनके पुत्र महाराज विक्रम सिंह पंवार ने गीता अग्रवाल की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। वे लंबे अरसे से पैलेस के सर्वाधिक विश्वसनीय लोगों में से एक मानी जाती हैं। गीता अग्रवाल को 89502 मत एवं कांग्रेस की विनोदिनी व्यास को महज 43618 मत ही मिल सके। बीजेपी की तरफ से सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से कमलनाथ ने यहां सभा की थी। विनोदिनी रमेश व्यास पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के समर्थक है, और उनकी पसंद से ही टिकिट तय हुआ था। लेकिन कांग्रेस का गणित कांग्रेस के ही बागी ने बिगाड़ा दिया। यहाँ निर्दलीय प्रत्याशी मनीषा चौधरी कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले शिवा चौधरी की बहू हैं। यह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी नेता हैं। इस समीकरण का भी कांग्रेस को नुकसान हुआ।
बीजेपी के सर्वाधिक 31 पार्षद जीते
देवास में महापौर के साथ ही परिषद भी भाजपा की बनना तय हो गई है। यहां 45 वार्डो में से 31 पर बीजेपी के प्रत्याशी जीत कर आए है। वहीं कांग्रेस मात्र 8 सीटो पर ही सिमट गई। हालांकि 6 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी बाजी मारी है
पंवार के निधन के बाद पहला चुनाव
देवास में यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि पूर्व मंत्री महाराज तुकोजीराव पवार के निधन के बाद यह पहला चुनाव था। इसके पूर्व 2015 में स्वर्गीय पवार ने अपने समर्थक सुभाष शर्मा को महापौर बनवाया था, वहीं अपने एक और कट्टर समर्थक अंसार अहमद हाथी वाला को सभापति बनाया था। 7 सालों के बाद हुए चुनाव में एक बार फिर महाराज के ही समर्थक के हाथों देवास शहर की कमान रहेंगी। ऐसे में राजमाता पंवार का कद बढ़ना भी स्वाभाविक है।