देवास,डेस्क रिपोर्ट। बूढ़े हो या जवान या हो बच्चें आज के जमाने में हर कोई सेल्फी (Selfie) का दीवाना होता है। हर किसी को अपनी फोटो (Photo) टिप टॉप चाहिए होती है, लेकिन कभी-कभी अच्छी फोटो लेने के कारण लोगों की जान पर बन आती है। एक ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल रोड (Indore-Bhopal Road) पर देवास के पास राजानल तालाब (Rajanal Lake) पर फोटो सेशन (Photo Session) के दौरान हादसा हो गया।
इस दौरान महिला का सेल्फी (Selfie) लेते वक्त तालाब (lake) में पैर फिसल गया, जिसको बचाने के लिए महिलाएं और बच्चियों समेत 6 लोग पानी में कूद पड़े। महिला और बच्चों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग उन्हें बचाने (Rescue) के लिए पहुंचे, जहां 7 को तो सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन एक 13 साल की बच्ची की डूबने से मौत (Death) हो गई। बच्ची का शव आज सुबह 8:00 बजे मेला जिसे तत्काल देवास जिला अस्पताल (Dewas District hospital) लाया गया।
वही लोगों ने बताया कि फोटो सेशन के दौरान एक महिला तालाब के किनारे पानी में उतर कर फोटो खींच रही थी। इस दौरान फूफी रुखसाना का पैर फिसल गया और वह डूबने लगी, जिसे बचाने के लिए सभी महिलाएं और बच्चे पानी में कूद गए। देखते ही देख सभी गहरे पानी में चली गई और चीख पुकार मच गई। डूबते हुई महिलाओं की आवाज सुनकर वहां के मछुआरे और चरवाहे तुरंत पहुंचे और बच्ची और महिलाओं को बचा लिया, लेकिन इस दौरान एक 13 साल की बच्ची डूबने के बाद लापता हो गई, जिसके शव को आज 8:00 बजे निकाला गया।
मृतक बच्ची का नाम नुज्जत है, जो उम्र 13 साल की थी और वह आठवीं कक्षा की छात्रा थी। नुज्जत इंदौर के सांवेर की रहने वाली थी। नुज्जत छुट्टियां मनाने के लिए अपनी फूफी के घर आई हुई थी। बीते दिन नुज्जत अपनी फुफी और परिवार के और लोगों के साथ पिकनिक मनाने के लिए राजानल तलाब पहुंची थी, जहां इस दौरान सब मिलकर सेल्फी ले रहे थे। गौरतलब है कि पिकनिक मनाने के लिए घर से कोई पुरुष इन लोगों के साथ नहीं गया हुआ था।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।