देवास(बागली)।सोमेश उपाध्याय।
पिछले कई महीनों से L&T कंपनी के द्वारा नर्मदा पाइप लाइन डालने का कार्य सैकड़ों मजदूरों की उपस्थिति में कांटाफोड़ क्षेत्र में किया जा रहा हैं। इस कंपनी में बाहरी प्रदेशो से आए हुए कई मजदूर कार्य कर रहे हैं। पिछले 45 दिनों से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। अब लॉक डाउन के दौरान लगभग 32 मजदूर 42 डिग्री की गर्मी में पैदल ही अपने घर यूपी के कुशी नगर की और चल दिए हैं।
मजदूरों का कहना है कि इतनी बड़ी कंपनी होने के बाद भी हमारी किसी भी प्रकार की मदद कंपनी के द्वारा नही की गई। अब तो हम भूखे मरने को मजबूर हो गए है। मजदूरों ने कंपनी से उन्हें घर भेजने की गुहार भी लगाई लेकिन कंपनी अधिकारियों ने उनकी ना सुनते हुए मजदूरों को यही रहकर काम करने को कहा।मजदूरों ने बताया कि हमने प्रशासनिक अधिकारियों से भी मदद मांगी लेकिन निराशा ही हाथ लगी। अब हम मजबूरी मैं अपने घर हजारो किलोमीटर पैदल ही जा रहे हैं।
वही कुछ दिन पूर्व भी L&T कम्पनी में कार्य करने वाले कुछ लोग जो कि पंजाब से आए थे उन्हें भी किसी भी प्रकार की मदद कम्पनी नही की कांटाफोड़ गुरद्वारा साहिब में कुछ दिन गुजारने के बाद सिख समाज की मदद से ही वे लोग अपने घर की और निकले । सवाल यह उठता है की एक और तो सरकार की तरफ से सभी कंपनियों को उनमें कार्य करने वाले मजदूरों को वेतन दिये जाने की बात कही है तो एक और अरबो रुपये के ठेके लेने वाली L&T कंपनी अपने मजदूरों को घर पहुचाना तो दूर उनके लिए भोजन तक कि व्यवस्था नही कर पा रही है। वही यह दृश्य सोशल मीडिया पर दिन रात वाह वाही लूटने वाले राजनैतिक व सामाजिक संगठनों पर भी तमाचा है जो दिन रात अपनी वाह वाही लूटने मैं लगे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।