अभिनेत्री कंगना के अपमान को लेकर योगी युवा वाहिनी ने फूंका महाराष्ट्र के सीएम का पुतला

देवास, सोमेश उपाध्याय। मुंबई में बीएमसी द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत का ऑफिस गिराए जाने व अभिनेत्रि पर अपशब्दों को लेकर हिन्दू स्मगठनो में खासा आक्रोश है । ये संगठन रनौत के समर्थन में उतर आए हैं। देवास की योगी युवा वाहिनी ने इसे प्रतिशोध करार दिया है । योगी युवा वाहिनी के पदाधिकारियों द्वारा जिलाध्यक्ष संजय ठाकुर के नेतृत्व में बीमा चोराहे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेता संजय रावत का पुतला फूंका गया।

प्रदेश अध्यक्ष पंकज जोशी व प्रदेश कार्यवाह भावेश कालेलकर के आह्वान पर आज देवास में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेता संजय रावत का पुतला दहन किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले शिवसेना ने हमारी बहन कंगना रानौत पर अभद्र टिप्पणी कर अपमानित किया और बहुत ही निंदनीय कार्य करके उनका बीएमसी के माध्यम से पूरा घर तोड़ दिया। हाईकोर्ट की भी परवाह नहीं की यह महाराष्ट्र का नहीं बल्कि अपितु पूरे भारत का अपमान है। भारत की बहन बेटियों का अपमान है। युवा वाहिनी इसकी पूरी निंदा करता है और योगी युवा वाहिनी का हर एक कार्यकर्ता कंगना राणावत जी के साथ है। जय हिंद, जय भारत।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।