डिंडौरी।प्रकाश मिश्रा।
मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा संघ जिला इकाई डिंडोरी ने जिला कलेक्टर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें मध्य प्रदेश शासन के द्वारा संयुक्त कलेक्टर रमेश कुमार सिंह के खिलाफ की गई निलंबन की एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध जताया।
दरअसल पूरा मामला 9 अप्रैल का है। जहां जिला कलेक्टर ने कोरोना संकट प्रबंधन की बैठक बुलायी थी बैठक के पहले ही समाजसेवी डॉ डॉक्टर सुनील जैन और संयुक्त कलेक्टर रमेश कुमार सिंह के बीच गाड़ी पार्किंग को लेकर धक्का-मुक्की हो गई थी। जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर सहित उच्च अधिकारियों से की गई थी।
मामले को संज्ञान में लेते हुए मध्यप्रदेश शासन की उप सचिव ने संयुक्त कलेक्टर रमेश कुमार सिंह जो वर्तमान में कोरोना महामारी संकट में प्रभारी जिला दंडाधिकारी का दायित्व भी निर्वहन कर रहे हैं पर निलंबन की कार्रवाई की थी। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ की जिला इकाई ने मध्य प्रदेश शासन के द्वारा की गई एक पक्षीय कार्रवाई का विरोध जताते हुए संयुक्त कलेक्टर रमेश कुमार सिंह की तत्काल बहाली की मांग की है।ज्ञापन में संघ का कहना है कि प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने परिवार को छोड़कर 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं ऐसे में उनका पक्ष सुने बिना एक पक्षीय कार्यवाही करना उचित नहीं है।उनका निलंबन समाप्त कर सेवा में यथावत बहाल किया जाये।
ये है पूरा मामला
गुरूवार दोपहर कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जिला कलेक्टर ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर संकट प्रबंधन की बैठक बुलाई थी। इसी बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुनील जैन को भी आमंत्रित किया गया था। चार पहिया वाहन पार्किंग को लेकर भाजपा नेता से संयुक्त कलेक्टर का विवाद हो गया। बात इतनी बड़ी कि संयुक्त कलेक्टर ने डॉ. जैन के साथ धक्का-मुक्की करते हुए अभद्रता कर दी। इसके बाद बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में एकत्र हो गए। कलेक्टर से संयुक्त कलेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई।मामला तूल पकड़ा और शाम तक सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) की उप सचिव अर्चना सोलंकी ने रमेश सिंह को निलंबित कर दिया। उनके इस कृत्य को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विरुद्ध माना गया है। सिंह को निलंबन अवधि में कार्यालय आयुक्त, जबलपुर संभाग से संबद्ध कर दिया गया है।