CBSE स्कूल का तुगलकी फरमान, शिकायत करने वाले अभिभावक माफी मांगें, बच्चों पर लगाया प्रतिबंध

गुना, संदीप दीक्षित। जिले के एक सीबीएसई स्कूल (CBSE School) के तुगलकी फरमान की शिकायत कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंची है। उस स्कूल में पढ़ने वाले दो बच्चों के पिता ने शिकायती आवेदन में बताया है कि स्कूल की अव्यवस्था की शिकायत उन्होंने प्रबंधन से की तो प्रबंधन ने माफी मांगने का फरमान (CBSE school warns parents on complaint) सुना दिया इतना ही नहीं उनके बच्चों के स्कूल आने पर प्रतिबंध लगा दिया।

स्कूलों में एक हेल्दी वातावरण बनाये रखने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट और पेरेंट्स दोनों की होती है लेकिन यदि स्कूल मैनेजमेंट एक तरफ़ा और हिटलरशाही रवैया अपनाये तो समझा जा सकता है कि वहां का माहौल कैसा होगा। ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक पिता कह रहा है।

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दरअसल गुना जिले के बीनागंज कस्बे में संचालित CBSE श्री स्वामी रामानंद विद्या संकुल राम टेकरी तपोवन स्कूल प्रबंधन पर अभिभावक व बच्चों को परेशान करने का आरोप लगा है। एक अभिभावक अजय सिंह तोमर ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. को बताया है कि उन्होंने सितम्बर महीने में आयोजित पेरेंट्स मीटिंग के दौरान स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता सही होने संबंधी शिकायत लिखित में दी थी।

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शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने कक्षा 3 में पढऩे वाले उनके बेटे प्रदुम्न सिंह तोमर और यूकेजी में अध्ययनरत हितेंद्र सिंह तोमर को हिदायत दी थी 2 अक्टूबर तक यह शिकायत वापस लें और माफी मांगें अन्यथा उन्हें स्कूल में नहीं आने दिया जाएगा।

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स्कूल की डेडलाइन खत्म होने पर जब उन्होंने माफी नहीं मांगी तो बच्चों के स्कूल आने पर रोक लगा दी गई। बहाना ट्रांसपोर्टेशन का बनाया गया है। अभिभावक अजय सिंह तोमर का आरोप है कि उन्हें माफी मांगने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर गुना कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने और बच्चों की पढ़ाई सुचारू करने के निर्देश दिए हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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