MP Tourism : मध्यप्रदेश की इस सिटी पर है वास्तुदोष की नजर, ऐसी है कहानी

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MP Tourism : भारत का दिल मध्यप्रदेश घूमने के लिहाज से बहुत खूबसूरत है। यहां एक से बढ़कर एक शहर मौजूद है। इतना ही नहीं यहां कई धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल है जहां की खूबसूरती लोगों को आकर्षित कर लेती हैं। लेकिन कई ऐसी जगहें भी मौजूद हैं जो बुरी तरह से प्रभावित है। इन जगहों पर लोग जाने तक से कतराते हैं।

MP Tourism : शनि सूर्य की युति से विकास कार्य प्रभावित

आज हम आपको एमपी के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर वास्तुदोष की बुरी नजर बनी हुई है। इस वजह से वहां के लोगों पर काफी ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। इतना ही नहीं विकास कार्य भी प्रभावित होता है। वो शहर है ग्वालियर। जी हां, ग्वालियर में शनि सूर्य की युति एक साथ होने से लोगों के जीवन पर काफी प्रभाव होता है। ये युति लंबे समय से चलती आ रही हैं।

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इससे कई बाधाएं शहर के विकास कार्य में होती हैं। ज्योतिषों का मानना है कि यहां काफी ज्यादा वास्तु दोष है इस वजह से शहर को इससे बचाने के लिए शहर से 20 किलोमीटर दूर एक जोरासी हनुमना जी का मंदिर है। अब उसके पास ही एक महा अष्टलक्ष्मी मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। ज्योतिषों का मानना है कि इससे वास्तु दोष दूर होने में मदद मिलेगी।

वास्तुदोष से कई औद्योगिक इकाइयां हुई बंद

आपको बता दे, मंदिर का निर्माण अब तक मिले चढ़ावें से किया जा रहा है। ये सब वास्तु दोष को दूर करने के लिए किया जा रहा है। बड़ी बात ये है कि ग्वालियर को शनि का शहर कहा जाता है। क्योंकि एती पर्वत पर शनिदेव विराजमान है। लेकिन सूर्य मंदिर भी यहां बना हुआ है जिस वजह से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है और कई कार्यों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। अब तक शहर के कई विकास कार्य पुरे नहीं हो पाए। कई औद्योगिक इकाइयां भी यहां बंद हो गई।

मंदिर बनने में लगेगी करोड़ों की लागत 

इन सब को ध्यान में रखते हुए अब लक्ष्मी जी का मंदिर बनाया जा रहा है जो शहर के आकर्षण का केंद्र होगा। इसको बनाने में लगभग 11 करोड़ रूपये की लागत लगेगी। अभी 1 साल का समय मंदिर को बनने में लगेगा। लक्ष्मी मंदिर में 6 फुट की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी जो अष्ट धातु से बनी होगी। इतना ही नहीं यहां धनलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, शांतना लक्ष्मी, वीरा लक्ष्मी, विजयालक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी की मूर्ति भी स्थापित की जाएगी। इसके अलावा श्री गणेश और माता सरस्वती भी यहां विराजित किए जाएंगे।

 

 


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Ayushi Jain

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