Gwalior News : शासकीय आवास पर चला बुलडोजर, ये है कारण

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। लम्बे समय के इन्तजार के बाद धरातल पर आई थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना का पहले ही दिन विरोध शुरू हो गया। हाऊसिंग बोर्ड का अमला एक शासकीय आवास को तोड़ने के लिए जैसे ही पहुंचा स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लोगों का तर्क था कि बारिश का सीजन है , बिना सूचना दिए तुड़ाई कर रहे हैं , हजारों हरेभरे पेड़ काटे जायेगे जिससे उनपर बैठने वाले मोर, कोयल और घोंसला बनाकर रहने तोते, चिड़ियाँ आदि बेघर हो जायेंगे।  हालाँकि प्रशासन ने विरोध को दरकिनार करते हुए अपना काम पूरा किया ।

थाटीपुर क्षेत्र में प्रस्तावित पुनर्घनत्वीकरण योजना में तहत क्षेत्र में स्थित पुराने करीब 500 से अधिक शासकीय आवास तोड़े जायेंगे और इस क्षेत्र को आवासीय और व्यावसायिक बनाया जाएगा।  जिससे शहर में रहें वाले शासकीय कर्मचारियों के और अधिक शासकीय आवास उपलब्ध हो सके साथ ही मुरार और थाटीपुर क्षेत्र के लोगों के लिए एक अच्छा व्यावसायिक परिसय यानि आधुनिक बाजार उपलब्ध हो सके।

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लम्बे समय से पुनर्घनत्वीकरण योजना का प्रस्ताव शासन के पास तह ाजिसे मंजूरी मिल चुकी है।  निर्माण एजेंसी एमपी हाऊसिंग बोर्ड को बनाया गया है।  आज रविवार को हाऊसिंग बोर्ड के उपायुक्त इसके सुमन, एडीएम आशीष तिवारी के नेतृत्व में जिला प्रशासन और हाऊसिंग बोर्ड के अमले के साथ थाटीपुर पहुंचे और खाली पड़े शासकीय आवास F-11 को तोडना शुरू कर दिया।

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शासकीय आवास पर  तुड़ाई की सुचना लगते ही आसपास रहें वाले शासकीय कर्मचारी, शासकीय आवासों का मेंटेनेंस करने वाले PWD के अधिकारी वहां पहुँच गए और विरोध करने लगे।  PWD के अधिकारियों का तर्क था कि हमें सूचना नहीं दी गई।  उधर स्थानीय लोग भी बिना सूचना बारिश के समय तुड़ाई करने का विरोध करने लगे।

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स्थानीय निवासी सुनील पटेरिया का तर्क था कि इस योजना का सबसे बड़ा नुकसान हरियाली का होगा। इस क्षेत्र में करीब 5000 बड़े बड़े हरे पेड़ हैं जिनपर हजारों पक्षी रहते हैं। यहाँ मोर,कोयल, तोते, तरह तरह की चिड़ियों के घर हैं जो बर्बाद हो जायेंगे और इस क्षेत्र का जलस्तर भी प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब हाऊसिंग बोर्ड कमिश्नर भारत यादव आये थे  तब भी तय हुआ था कि बारिश के बाद ही कुछ होगा लेकिन समझ नहीं आ रहा कि इतनी जल्दी क्यों है ?

उधर मौके पर मौजूद एडीएम आशीष तिवारी ने कहा कि ये मंजूर पुनर्घनत्वीकरण योजना है।  लोगों को ऑप्शन दिया गया है कि वे किराये के मकान ले लें जिसका हाऊसिंग बोर्ड देगा।  एडीएम ने कहा कि जहाँ तक पेड़ों को काटने की बात है तो बहुत काम पेड़ काटे जायेंगे , ज्यादातर विस्थापित होंगे। सरकार के पास इसकी पूरी योजना है, रही बार विरोध की तो विरोध करना प्रजातान्त्रिक अधिकार है लेकिन ये जमीन शासकीय है, योजना शासकीय है, शासन से मंजूर है तो इसको लागू किया जायेगा।  जैसे जैसे मकान खाली होते जायेंगे उन्हे तोड़ा जाएगा।

हाऊसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर इसके सुमन ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि योजना के तहत शासकीय आवासों को तोड़ने का काम शुरू हो गया है हम कई चरणों में ये काम करेंगे।  पहले चरण में करीब 40 शासकीय आवास तोड़े जायेंगे। उन्होने कहा कि आज रविवार को F -11 को तोड़ा है ये खाली था।  जैसे जैसे शासकीय आवास खाली होते जायेंगे  इन्हें तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।  उपायुक्त ने बताया कि तुड़ाई के दौरान F -11 के पास इस शासकीय आवास का गेट टूट गया थाइसमेँ जज साहब रहते हैं बोर्ड उसे रिपेयर भी करा रहा है।

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बहरहाल थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना का क्रियान्वयन ऐसे समय हो रहा है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक साल तक रोज एक पौधा लगाने का संकल्प निभा रहे हैं।  गौरतलब है कि इस योजना में 5000 हजार से ज्यादा हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ने का अंदेशा है।  अब देखना ये है कि पेड़, प्रकृति और पर्यावरण के लिए संजीदगी की बात करने  सरकार और उनके मुलाजिम थाटीपुर क्षेत्र की हरियाली को कैसे बचाते हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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