मसाला या जहर? मसाला व्यापारी के यहां खाद्य विभाग के छापे में मिला 100 किलो लकड़ी का बुरादा, 4 किलो रंग

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Gwalior News : ग्वालियर में बेख़ौफ़ मिलवाटखोर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें किसी के स्वास्थ्य की फ़िक्र नहीं, फ़िक्र है तो बस अपने मुनाफे की। ग्वालियर हाई कोर्ट ने कल बुधवार को दूध से बने मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और ग्वालियर हाई कोर्ट की परिधि में आने वाले 9 जिलों के कलेक्टर्स से रिपोर्ट मांगी तो ग्वालियर जिला प्रशासन के अफसरों ने ऑफिस से निकलकर थोड़ी जेहमत उठाई , खाद्य विभाग की टीम एक मसाला पिसाई केंद्र पर पहुंची और उसने वहां जो देखा उसकी आंखें फटी रह गई।

मिलावट के लिए बदनाम हो चुके ग्वालियर चम्बल अंचल के व्यापारी अपने स्वार्थ और मुनाफे के चलते जनता को मिलावटी खाद्य पदार्थ यानि जहर खिलाने में भी नहीं हिचकिचा रहे, हम ये कोई आरोप नहीं लगा रहे बल्कि खाद्य विभाग के छापे से इस बात का प्रमाण मिला है, खाद्य विभाग की टीम ने दाल बाजार में एक मसाला फैक्ट्री पर छापा मारा तो वहां बहुत कुछ ऐसा मिला जो अमानक श्रेणी का था।

मसाला या जहर? मसाला व्यापारी के यहां खाद्य विभाग के छापे में मिला 100 किलो लकड़ी का बुरादा, 4 किलो रंग

खाद्य विभाग की टीम एक शिकायत के बाद दाल बाजार में किशमिश वाली गली में पहुंची, उसने महामाया पिसाई केंद्र पर छापा मारा, खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी जब मसाला फैक्ट्री के अंदर पहुंचे तो उन्हें जोर का झटका लगा, उन्हें वहां बड़ी मात्रा में लकड़ी का बुरादा पड़ा दिखाई दिया साथ में रंगों के बड़े बड़े पैकेट मिले।

धनिये में लकड़ी का बुरादा, लाल मिर्च और हल्दी पावडर में रंगों की मिलावट 

पूछने पर मालूम चला कि लकड़ी का बुरादा पिसे धनिये में मिलाया जाता है और रंग हल्दी पावडर, लाल मिर्च पावडर सहित अन्य मसालों में मिलाया जाता है, खाद्य विभाग की टीम ने जब लकड़ी के बुरादे की तौल करवाई तो 100 किलो निकला और रंगों की तौल कराई तो वो चार किलो निकले, टीम को यहाँ 500 किलो तैयार मसाला भी मिला।

ग्रामीण अंचल में धड़ल्ले से सप्लाई हो रहे थे मिलावटी मसाले 

खाद्य अधिकारियों ने मालिक राकेश गोयल से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो इन मिलावटी मसालों को ग्रामीण अंचल में की दुकानों पर सप्लाई करते हैं, छापे को लीड कर रहे खाद्य अधिकारी लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि राकेश गोयल के खिलाफ फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मसालों के सैम्पल जाँच के लिए लैब भेज दिए हैं और मसाला केंद्र (मसाला फैक्ट्री ) को सील कर दिया है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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