ग्वालियर। देश में मौजूद दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें हर तरीके से आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार कुछ योजनाओं पर काम कर रही है। ओलिंपिक में जहां भारतीय खिलाड़ी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है, वहीं पिछले पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए देश का सिर गर्व से ऊंचा किया था। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने उनकी खेल प्रतिभाओं को निखारने की योजना बनाई है। इसके तहत केंद्र सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और उसके तहत आने वाला दिव्यांग सशक्तिकरण मंत्रालय देश में ऐसे पांच स्पोर्ट्स सेंटर लाने जा रहा है।
बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश में पांच जगहों पर दिव्यांग स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स खोले जाने के लिए मंजूरी दे दी गई। ये खेल केंद्र मेघालय, ग्वालियर, चंडीगढ़, जीरकपुर(पंजाब) और विशाखापट्टनम में खोले जाएंगे । लेकिन खुशी की बात ये है कि देश के पहले दिव्यांग स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्थापना मध्य प्रदेश के ग्वालियर में होगी। देश के 5 स्थानों पर दिव्यांग खेल केन्द्रों की स्थापना की जाना प्रस्तावित है लेकिन ग्वालियर के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर के प्रयासों से शिवराज सरकार द्वारा ग्वालियर में खेल केन्द्र की स्थापना के लिये 17 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दिये जाने के कारण फिलहाल ग्वालियर में ही खेल केन्द्र की स्थापना के लिये हरी झंडी दी गयी है। शेष 4 स्थानों पर केन्द्रों की स्थापना को लंबित रखा गया है।
मंत्रिमंडल ने 5 वर्षों (31 मार्च 2024 तक) के लिये इस परियोजना हेतु 170.99 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है. इसमें इंडोर स्पोर्टस कांप्लेक्स (76.71 करोड़), छात्रावास(35.73 करोड़), आउटडोर खेल कॉम्प्लेक्स (9.25 करोड़), एक्वेटिक सेंटर(9 करोड़), फर्नीचर और उपकरण(4.72 करोड़), साइट विकास(9.52 करोड़), आकस्मिक निधि/प्रशासनिक व्यय(6.23 करोड़) तथा वेतन आदि 19.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस केन्द्र में आउटडोर एथलेटिक स्टेडियम, इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, बेसमेंट पार्किंग सुविधा, दो स्वीमिंग पूल वाला एक्वेटिक सेंटर, एक कवर किया हुआ पूल और एक आउटडोर पूल, क्लास रूम के साथ हाई परफोरमेंस सेंटर, मेडिकल सुविधाएं, स्पोर्ट्स साईंस सेंटर, एथलीट के लिए छात्रावास सुविधाएं, सुगम्य लॉकरों सहित सहायता सुविधाएं, भोजन, मनोरंजन सुविधाएं एवं प्रशासनिक ब्लॉकों का निर्माण करना शामिल है । इस प्रकार विकसित सुविधा, प्रशिक्षण के लिए प्रावधान, चयन, स्पोर्ट्स एकेडमिक्स एवं रिसर्च, मेडिकल सहायता, दर्शक गैलरी के प्रावधान के साथ एक बहु-उद्देशीय केन्द्र होंगे जो राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए उपयुक्त होंगे ।
इस परियोजना के शुरू होने से विभिन्न स्तर के 140 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा । इन पदों के वेतन केन्द्र सरकार के वर्तमान वेतनमान होंगे । चार प्रशासनिक पद और एक रेजिडेंट डॉक्टर के पद को भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 तक तहत अल्पकालिक या दीर्घकालिक रूप में अनुबंध आधार पर या प्रतिनियुक्ति आधार पर भरा जाएगा । शेष 135 पद एजेंसियों के माध्यम से अल्पकालिक अनुबंध आधार पर एक निश्चित मासिक समेकित पारिश्रमिक पर संविदा या किराये आधार पर भरे जायेंगे। इसके लिए 19.83 करोड़ का प्रावधान किया गया। इस परियोजना के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये समेकित खेल(इंडोर) जैसे बैडमिंटन, बास्केटबॉल आदि, अनुकूलित खेल(इंडोर) जैसे बोचिया आदि, समेकित खेल (आउटडोर) जैसे एथलेटिक्स, तीरंदाजी आदि तथा समेकित खेल (इंडोर और आउटडोर) जैसे तैराकी आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उक्त केन्द्र अन्य खेलों को भी शामिल कर सकता है। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में खेल केंद्र की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना है।