एक भांजी की गुहार, “मामा शिवराज” मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो, चोरी हो गई

Atul Saxena
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Gwalior News : सीएम शिवराज (CM Shivraj Singh Chauhan) को रोज कई पत्र लोग लिखते हैं, कई तरह की गुहार लगाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी गुहार की बात कर रहे हैं जो बहुत मार्मिक है, ये आपको सिर्फ द्रवित ही नहीं करेगी, आपकी आंखों को भी नम कर देगी, जी हाँ – ये गुहार है एक भांजी की, जो उसने भीगी आंखों से मामा शिवराज से की है।

एक भांजी की गुहार, "मामा शिवराज" मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो, चोरी हो गई

परीक्षा केंद्र से चोरी हो गई साइकिल 

ग्वालियर के गुडी गुडा का नाका क्षेत्र में रहने वाली निशा वंशकार 12 की छात्रा है उसके पेपर चल रहे हैं, लेकिन इसी दौरान उसे कोई ऐसा दर्द दे गया जो उसकी आँखों से बह रहा है, दरअसल कोई बदमाश उसकी साइकिल चोरी कर ले गया, अब निशा परेशान है कि वो परीक्षा कैसे देगी?

एक भांजी की गुहार, "मामा शिवराज" मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो, चोरी हो गई

भाई बहनों ने पाई पाई जोड़कर खरीदी थी एक साइकिल 

आपको बता दें कि निशा के पिता मजदूरी करते हैं उनके छह बच्चे हैं, इन बच्चों ने पाई पाई जोड़कर दो साल में एक साइकिल  खरीदी, ये साइकिल कोई  सामान्य साइकिल नहीं थी, इन भाई बहनों के लिए जान से ज्यादा प्यारी थी, निशा की बड़ी बहन इस साइकिल से कॉलेज जाती थी, निशा स्कूल जाती थी और इस समय परीक्षा देने जा रही थी।

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घर से 8 किलोमीटर दूर है परीक्षा केंद्र 

निशा के मुताबिक उसका परीक्षा केंद्र गजरा राजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है जहाँ वो परीक्षा देने जाती है, पहला पेपर उसने दिया, दूसरा पेपर देने 4 मार्च को गई, स्कूल में ताला लगाकर उसने साइकिल खड़ी कर दी लेकिन जब परीक्षा देकर वो साइकिल उठाने पहुंची तो उसके होश उड़ गए, साइकिल जगह पर नहीं थी, कोई चोर उसे ले उड़ा था।

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पुलिस ने भगा दिया, DEO ने भी नहीं की कोई मदद 

परेशान निशा जैसे तैसे घर पहुंची, अपनी मां के साथ पुलिस थाने गई तो पुलिस ने ये कहकर भगा दिया कि छोटी चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखते, केंद्र अध्यक्ष से कहा तो उन्होंने भी कोई मदद नहीं की, जिला शिक्षा अधिकारी के पास गई तो उन्होंने भी टरका दिया।

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मामा शिवराज से निशा ने लगाई गुहार 

अब निशा ने मामा शिवराज से गुहार लगाईं है – निशा कहती है कि हम भाई बहनों ने 100 – 100 रुपये जोड़कर 4000 रुपये जमा किये और एक साइकिल खरीदी थी, ये साइकिल ही हम भाई बहनों का सहारा थी जिससे हम लोग पढ़ाई करते थे, जिसे कोई चुरा ले गया, वो कहती है कि साइकिल चोरी होने के बाद से मुझे  नींद नहीं आ रही, तनाव हो रहा है कि मैं परीक्षा देने कैसे जाउंगी।

एक भांजी की गुहार, "मामा शिवराज" मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो, चोरी हो गई

मामा से कहा – मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो 

निशा ने बताया कि परीक्षा केंद्र गजरा रजा स्कूल उसके घर से करीब आठ किलोमीटर दूर है अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं 16 किलोमीटर कैसे आउंगी जाउंगी, उसने सीएम शिवराज से गुहार लगाई है कि मामा मुझे मेरी साइकिल दिलवा दो, मेरा अगला पेपर 18 मार्च को है, मुझे मेरी साइकिल मिल जाए जिससे मेरी पढ़ाई में कोई परेशानी ना हो, परीक्षा अच्छे से दे पाऊं।

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DEO ने दिया भरोसा, अगले पेपर से पहले मिल जाएगी साइकिल 

उधर जिला शिक्षा अधिकारी DEO अजय कटियार से जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि ये विषय मेरी जानकारी में है, बच्ची हमारे पास आई थी,  उसे 18 मार्च की परीक्षा से पहले साइकिल मिल जाएगी उसे परेशान होने की जरुरत नहीं है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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