ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पिछले कई दिनों से ग्वालियर की थोक मंडी लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी के मामले को लेकर चले आ रहे गतिरोध में आंदोलनकारियों को आज सोमवार को आंशिक सफलता प्राप्त हुई है। पूर्व निर्धारित समय के अनुसार व्यापारियों, आढ़तियों, किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्टर से मिला औऱ विस्तार से सब्जीमंडी के सम्बंध के चर्चा की गई। सबकी बात सुनने के बाद कलेक्टर ने भरोसा दिया कि किसी भी लाइसेंसी कारोबारी का व्यापार नहीं जाएगा।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल में शामिल माकपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि नई सब्जी मंडी में मात्र 200 व्यवसायियों को की दुकाने दी गई है वह भी बोली लगाकर, जबकि पुरानी मंडी के 800 से ज्यादा लाइसेंसधारी है, इस प्रकार 600 से ज्यादा व्यवसायी बेरोजगार होने की कगार पर पहुंच जाएंगे, उनके पास बीस औऱ पच्चीस लाख रुपये देकर दुकान खरीदने की आर्थिक स्थिति नहीं है . बात सुनने के बाद कलेक्टर ने यह आश्वस्त किया कि जो लोग भी शेष बचे हैं जिनके पास लाइसेंस है उन्हें उनके रोजगार की व्यवस्था की जाएगी, सबको जगह देना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सवाल किया कि आखिर पुरानी मंडी क्यों नहीं खोली जा रही है तब कलेक्टर ने जवाब दिया कि इस जगह पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन सभी को पुनर्व्यवस्थित करना हमारी पहली प्राथमिकता है।
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माकपा नेता अखिलेश यादव ने यह भी स्पष्ट किया है कि पार्किंग के लिए भी पुरानी सब्जी मंडी में पर्याप्त जगह शेष बचेगी जिन्हें सब्जीमंडी के व्यवसायियों, फूलवालों, औऱ ठेले वालो को दी जानी चाहिए औऱ इसके लिए आन्दोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हम जल्दी से जल्दी दो दिन में प्रशासन को ऐसे सब्जी विक्रेताओं की सूचि दे देंगे जिन्हें दुकानें नहीं मिली हैं और फिर इन्तजार करेंगे कि प्रशासन अपना वादा कैसे निभाता है। प्रतिनिधिमंडल में अखिलेश यादव के अलावा, परमाल कुशवाह, मानसिंह कुशवाह, पप्पू कुशवाह, मनोज खटीक, मोहन सिंह कुशवाह आदि शामिल थे।