ग्वालियर, अतुल सक्सेना। जिला प्रशासन ने अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहाँ बिजली का बैक अप रखें जिससे अस्पतालों में भर्ती किसी भी मरीज को इलाज में परेशानी ना हो। आदेश में प्रशासन ने चेतावनी भी दी है की यदि बिजली आपूर्ति बाधित होने से मरीज को कोई परेशानी होती है तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अपर कलेक्टर एवं स्मार्ट सिटी ग्वालियर कि सीईओ श्रीमती जयति सिंह के हस्ताक्षर से जारी आदेश में ग्वालियर जिले केसभी अस्पतालों के संचालकों से कहा गया है कि आपको सचेत किया जाता है कि तकनीकी या अन्य कारणों से बिजली की समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसके कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज में परेशानी हो सकती है।
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अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने अस्पताल में इन्वर्टर , जनरेटर एवं अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें जिससे किसी भी परिस्थिति में मरीजों को असुविधान ना हो। यदि मरीजों को अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा होती है तो इसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे और आपके विरुद्ध सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम में आये बदलाव के कारण आंधी बारिश हो रही है जिससे बिजली बाधित हो रही है यानि आंधी बारिश आते ही बिजली चली जाती है ऐसी स्थिति में उन मरीजों को बहुत अधिक समस्या हो सकती है जो कोरोना पेशेंट हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। मरीजों की चिंता करते हए प्रशासन ने संचालकों को उनके यहाँ बिजली के बैक अप रखने के निर्देश दिए हैं। हालाँकि जिला प्रशासन के आदेश में आंधी बारिश की सम्भावना का जिक्र नहीं है।
लेकिन जान संपर्क विभाग ने जो समाचार जारी किया है उसमें कहा है कि स्मार्ट सिटी कंपनी ग्वालियर की सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने शहर के सभी निजी हॉस्पिटल संचालकों को पत्र जारी करते हुए कहा है कि वर्तमान में आंधी का मौसम चल रहा है तथा किसी भी अप्रिय स्थिति में यदि विद्युत आपूर्ति प्रभावित होती है तो इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा इस समस्या के निराकरण के लिए सभी अस्पताल संचालक किसी भी अप्रिय स्थिति को देखते हुए अपने अस्पताल में विद्युत के बैकअप की व्यवस्था आवश्यक रूप से रखें, जिससे किसी भी प्राकृतिक अथवा तकनीकी खराबी से विद्युत सप्लाई प्रभावित होने पर अस्पताल में भर्ती मरीजों को कोई समस्या ना आए। इसके साथ ही सभी अस्पताल संचालक अस्पताल में अग्निशमन यंत्रों को भी सुचारू रूप से क्रियान्वयन होना सुनिश्चित करें।