ग्वालियर ।।किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद प्रसंस्करण मंत्री सचिन सुभाष यादव ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौर में किसानों द्वारा खेती में रासायनिक उर्वरकों का लगातार उपयोग करने से प्राप्त पैदावार का मानव शरीर पर दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आज समय की मांग है कि किसानों को अब जैविक खेती की तरफ जाना होगा। इसके लिए कृषि वैज्ञानिक अहम भूमिका निभा सकते हैं। मंत्री सचिन सुभाष यादव मंगलवार को ग्वालियर में कृषि विजय 2020 पश्चिम क्षेत्रीय कृषि मेला के शुभारंभ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव ने की।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा कृषि महाविद्यालय परिसर ग्वालियर में आयोजित तीन दिवसीय पश्चिम कृषि मेला में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों ने अधिक फसले लेने की प्रतिस्पर्धा में फसलों में आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया। जिसके दुष्परिणाम मानव शरीर में विभिन्न गंभीर बीमारियों के रूप में सामने आ रहे हैं। आज समय की मांग है कि हमारे पूर्वजों द्वारा जो जैविक खेती की जाती थी। इसी दिशा में किसान जैविक खेती कर पोषक तत्वों से भरपूर कृषि एवं खाद्य उत्पाद लें। इसके लिए किसानों को जैविक खेती की तरफ जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती के साथ आधुनिक संयंत्रों से खेती लेने के तौर-तरीके वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण देकर बताने होंगे एवं फसलों में बायो उर्वरक के उपयोग के लिए भी किसानों को प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय कृषि मेले के माध्यम से किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में जो खोज की गई है, उनका लाभ प्राप्त होगा और कृषि के क्षेत्र की जानकारी में भी इजाफा होगा। सचिन यादव ने कृषि वैज्ञानिकों द्वारा शोध कर फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार करने हेतु कृषि वैज्ञानिकों को बधाई दी।
पशुपालन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव ने कृषि मेले की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश को लगातार पाँच वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हो रहा है। इसमें किसानों के साथ कृषि वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुभाष यादव ने प्रदेश में कृषि एवं सहकारिता के क्षेत्र में ऐसे कार्य किए जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता है। श्री यादव ने कहा कि उनके अधूरे कार्यों को प्रदेश में उनके पुत्र कृषि मंत्री के रूप में पूर्ण कर रहे हैं। पशुपालन मंत्री ने कहा कि कृषकों एवं वैज्ञानिकों की अथक मेहनत एवं प्रयासों से कृषि उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश आगे भी ऊँचाईयों पर पहँचेगा। कार्यक्रम के शुरू में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि इस तीन दिवसीय पश्चिम क्षेत्रीय कृषि मेले में देश के 8 राज्यों एवं दो केन्द्र शासित प्रदेशों के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।मंत्री द्वय ने मेले में आयोजित की गई फुलवारी प्रदर्शनी का भी अवलोकन कर विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विजय 2020 की प्रकाशित स्मारिका का भी विमोचन किया।