बंगले का घेराव करने जा रहे थे नाराज माकपा नेता, सड़क पर बैठकर ज्ञापन लिया ऊर्जा मंत्री ने 

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। बिजली के बिलों को माफ करने की मांग लेकर माकपा ने आज ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले का घेराव करने का एलान किया था। तय समय पर रैली शुरू हुई लेकिन पुलिस ने उसे आगे बढ़ने से रोका जिसपर दोनों के बीच झूमा झटकी हुई। नाराज माकपा कार्यकर्ता थोड़ी दूर चलकर सड़क पर बैठ गए। इस घटना की जानकारी जैसे ही ऊर्जा मंत्री को मिली वे खुद वहाँ और सड़क पर ही बैठकर माकपा नेताओं से ज्ञापन लिया भरोसा दिया कि समाधान योजना ला कर सबके बिलों का शीघ्र समाधान किया जायेगा।

बंगले का घेराव करने जा रहे थे नाराज माकपा नेता, सड़क पर बैठकर ज्ञापन लिया ऊर्जा मंत्री ने 

 

भारी भरकम बिलों से परेशान लोगों की समस्या को देखते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले के घेराव का एलान किया था। माकपा के कार्यकर्ता फूल बाग से जैसे ही रैली के रूप में निकले पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। पुलिस जब रोक रही तो माकपा कार्यकर्ता जोर आजमाइश कर रहे थे जिसके चलते पुलिस और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच झूमा झटकी भी हुई।

बंगले का घेराव करने जा रहे थे नाराज माकपा नेता, सड़क पर बैठकर ज्ञापन लिया ऊर्जा मंत्री ने 

रैली का नेतृत्व माकपा के वरिष्ठ नेता राम विलास गोस्वामी, जिला सचिव अखिलेश यादवआदि कर रहे थे। थोड़ी देर मशक्कत होने के बाद पुलिस नरम पड़ी और ये लोग रैली के रूप में आगे बढ़ने लगे। तभी माकपा नेता रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। घटना क्रम की जानकारी जैसे ही ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को मिली वे खुद ज्ञापन लेने पहुँच गए और आंदोलन कर रहे नाराज माकपा नेताओं से सड़क पर ही बैठकर ज्ञापन लिया।

बंगले का घेराव करने जा रहे थे नाराज माकपा नेता, सड़क पर बैठकर ज्ञापन लिया ऊर्जा मंत्री ने 

मंत्री ने भरोसा दिलाया कि बिजली के बिल अभी हमारी सरकार ने स्थगित किये हैं और जल्दी ही समाधान योजना लाकर इनका समाधान किया जायेगा। उधर माकपा जिला सचिव अखिलेश यादव ने कहा कि हम मंत्री की बात का भरोसा कर रहे हैं वैसे हमें शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार पर भरोसा नहीं है क्योंकि ये झूठी सरकार है। और यदि ऊर्जा मंत्री अपने वादे से पीछे हटते हैं तो फिर बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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