गुटबाजी में अटकी ग्वालियर अंचल के कॉलेजों की जनभागीदारी समिति अध्यक्षों की घोषणा

ग्वालियर। गुटबाजी को बार बार नकारने वाली कांग्रेस की गुटबाजी का एक नया उदाहरण सामने आया है। मामला जनभागीदारी समिति अध्यक्षों से जुड़ा है। सरकार ने प्रदेश के 136 कॉलेजों की जनभागीदारी समिति अध्यक्षों की घोषणा तो कर दी लेकिन ग्वालियर सहित अंचल के कई जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति लटक गई है। बताया जा रहा है ये गुटबाजी में फंसी हुई है। 

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद पिछली सरकार के समय बनाए गए जनभागीदारी समिति  अध्यक्षों को हटा दिया गया था।  अब लगभग 10 महीने बाद सरकार ने जनभागीदारी समिति अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी है। लेकिन ग्वालियर सहित ग्वालियर चम्बल अंचल के कई जिलों के कॉलेजों के जनभागीदारी समिति अध्यक्षों  की घोषणा अटक गई है । बताया जा रहा है ये नियुक्तियां गुटबाजी के चलते अटकी हैं। जानकारी के अनुसार सरकार ने 136 कॉलेजों के जनभागीदारी अध्यक्षों की घोषणा कर दी है ।  लेकिन इसमें ग्वालियर चम्बल संभाग के भिंड और दतिया जिलों के अलावा बाकी किसी भी जिले के कॉलेज की जनभागीदारी समिति अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर में कमलाराजा गर्ल्स कॉलेज में विधायक प्रवीण पाठक और श्रीमंत माधवराव सिंधिया आदर्श विज्ञान महाविद्यालय में विधायक मुन्नालाल गोयल को जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीँ भगवत सहाय कॉलेज और झलकारी बाई कॉलेज में खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की पसंद का व्यक्ति अध्यक्ष बन सकता है। इसके अलावा विजय राजे सिंधिया गर्ल्स कॉलेज मुरार, एसएलपी और एमएलबी कॉलेज में विधायक मुन्नालाल गोयल या जिला अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा की पसंद का व्यक्ति अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं भितरवार, चीनौर  और मोहना कॉलेज में पशुपालन मंत्री लाखन। सिंह और ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड एवं डबरा के वृंदा सहाय कॉलेज में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की पसंद का व्यक्ति अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो ग्वालियर से तीन अलग अलग गुटों की सिफारिशें गईं हैं। जिसके चलते नाम अटक गए हैं। 


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