ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अगले महीने दिल्ली नगर निगम (Delhi MCD) के लिए वोट डाले जायेंगे। भाजपा (BJP) सहित, कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी ताकत लगा रही है, भाजपा जहाँ अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए रणनीति बना रही है तो आम आदमी पार्टी परिवर्तन की लहर का माहौल बनाकर सत्ता हासिल करने की कोशिश करेगी उधर कांग्रेस भी पिछले 15 साल से दिल्ली नगर निगम में काबिज भाजपा की सीटों में सेंध लगाने की कोशिश करेगी
दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Elections) पिछले लम्बे समय से चर्चा में है। दिल्ली की सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर चुनावों को टालने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन अब चूँकि तारीखों का एलान हो गया है, 4 दिसंबर 2022 (Delhi MCD elections 2022) को मतदान होगा, तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कचरे के ढेर को बड़ा मुद्दा बनाकर और भाजपा पर अटैक कर चुनाव मैदान में उतर रही है।
उधर इस चुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है इसलिए भाजपा ने भी अपने ऐसे नेताओं को दिल्ली बुलाना शुरू कर दिया है जिनकी जमीनी स्तर पर पकड़ है और वे पार्टी की रीति – नीति, भाजपा सरकारों द्वारा किये गए कार्यों को जनता तक पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। ऐसे ही एक नेता है मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया। पवैया पूर्व सांसद भी है, प्रखर हिंदूवादी नेता हैं, राम जन्मभूमि आंदोलन से सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं, बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
इन सबके अलावा जयभान सिंह पवैया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की पसंद वाले नेताओं की सूची में शामिल हैं। बेदाग छवि वाले जयभान सिंह पवैया इस समय महाराष्ट्र के सह प्रभारी हैं, कल रविवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व (BJP high command) से उनके पास दिल्ली के लिए बुलावा आया और वे रात को ही दिल्ली पहुंच गए हैं और वहां दिल्ली MCD चुनावों के लिए डेरा जमा लिया है।
जानकारी के अनुसार भाजपा हाईकमान (BJP high command) पवैया को कमजोर और कठिन सीटों की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है, आपको बता दें कि जयभान सिंह पवैया 2019 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली के प्रभारी रह चुके हैं उनकी कार्यकर्ताओं में पकड़ है इसलिये पार्टी ने उन्हें दिल्ली ज़माने का आदेश दिया है। अब देखना होगा कि पवैया की मौजूदगी भाजपा को दिल्ली नगर निगम चुनावों में कितना फायदा पहुंचाती है।