मध्यप्रदेश (Madhypradesh) में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (by election) कांग्रेस और भाजपा (bjp-congress) दोनों के लिए चुनौती हैं। कांग्रेस इन चुनावों को जीतकर वापस सत्ता में आने की बात कर रही है तो भाजपा को भरोसा है कि उसकी सरकार को कोई खतरा नहीं आयेगा और वो नंबर गेम में कांग्रेस को आगे नहीं निकलने देगी। इस सबके बीच 16 सीटों वाले ग्वालियर चम्बल संभाग में कांग्रेस ने अपनी आँखे जमा ली हैं। उपचुनावों में कांग्रेस की राजनीति ग्वालियर (gwalior) से संचालित होगी। ग्वालियर में पार्टी बेस कैंप (base camp) बनायेगी और यहीं चुनावों के लिए वार रूम (war room) भी होगा। मालूम चला है कि पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (PCC President and former Chief Minister Kamal Nath) करीब एक महीने ग्वालियर में ही रहेंगे और यहीं से सभी सीटों का दौरा करेंगे। इसे देखते हुए स्थानीय नेताओं ने बेस कैंप, वार रूम और कमलनाथ सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी है।
24 विधानसभा सीटों में से ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटें महत्वपूर्ण हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली ये सभी सीटें 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने जीती थी। खास बात ये है कि इनमें से जौरा सीट( कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन से खाली हुई है) को छोड़कर शेष 15 सीटें सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर गए विधायकों के इस्तीफा देने से खाली हुई हैं। ये सभी 16 सीटें भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं। इतना ही नहीं ये उपचुनाव सिंधिया के भाजपा में भविष्य को तय करेगा। हालांकि ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों के लिये भाजपा का कोई प्लान सुनने में नहीं आया है और ना ही सिंधिया ने अपने समर्थकों को कोई अलग से दिशा निर्देश दिये हैं लेकिन कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उसके वरिष्ठ नेतृत्व ने ग्वालियर चंबल संभाग के लिए चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दी है।
ग्वालियर में रहेगा वार रूम और बेस कैंप
सिंधिया को घेरने के लिए कांग्रेस ने योजना बना ली है। जानकारी के अनुसार उपचुनावों में कांग्रेस ग्वालियर से संचालित होगी। यहाँ उसका बेस कैंप बनाया जायेगा साथ ही चुनावों के लिये वार रूम भी ग्वालियर में ही बनेगा, इसे अलावा कमलनाथ सहित कांग्रेस के बड़े नेता ग्वालियर में रहेंगे । इन सब व्यवस्थाओं के लिए जगह की तलाश जारी है। ग्वालियर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से कहा कि उपचुनावों में ग्वालियर में पार्टी का बेस कैंप और वार रूम ग्वालियर में रहेगा। पीसीसी चीफ कमलनाथ यहाँ करीब एक महीने तक रहेंगे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य कई वरिष्ठ नेता ग्वालियर में रहेंगे। सभी व्यवस्थाओं के लिए जगह की तलाश की जा रही है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी जगह की तलाश की जा रही है जहाँ 200- 300 चार पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था हो। उधर कांग्रेस से जुड़े अन्य नेताओं के मुताबिक कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं के लिए भी सर्व सुविधा युक्त बंगलों की तलाश की जा रही है।
प्रियंका और राहुल गांधी भी आ सकते हैं प्रचार के लिए
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने बताया कि अभी ये तय नहीं है कि प्रचार के लिए कौन कौन नेता दिल्ली से आयेंगे लेकिन उन्होंने कहा कि उपचुनाव के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के भी ग्वालियर आने के संभावना है। इसके अलावा कांग्रेस के अन्य बड़े नेता भी ग्वालियर चंबल संभाग में डेरा डाले रहेंगे।
एक पूर्व मंत्री और तीन विधायक बनाएंगे रणनीति
24 सीटों पर चुनाव की कमान अपने हाथ में रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकर जो रणनीति बनाई है उस हिसाब से एक एक विधानसभा सीट पर एक पूर्व मंत्री और तीन विधायक कमान संभालेंगे। इनके ऊपर उस विधानसभा की पूरी जिम्मेदारी होगी।
बहरहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में उनके प्रभाव वाले ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों पर कांग्रेस ने अपनी निगाहें जमा ली हैं। उसने अभी से साफ कर दिया है कि उपचुनाव उसके लिए कितना महत्व रखता है और वो अपनी पुरानी सीटों को हर हाल में अपने ही खाते में रखेगी। अब देखना ये होगा कि भाजपा और सिंधिया के गढ़ ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों के लिए भाजपा सिंधिया के साथ मिलकर क्या योजना बनाती है और कैसे इन सीटों को जीतने के दावे को हकीकत में बदलती है।