कारगिल शहीदों को शहर ने किया नमन “जिनकी सांसे थम गई वे तिरंगे में लिपटकर आ गए”

ग्वालियर।अतुल सक्सेना| जवान जब सेना में होता है तो वह यह शपथ लेता है कि जीयूंगा तो देश के लिए और मरूंगा तो देश के लिए। 1999 कारगिल युद्ध के 527 अमर शहीदों ने यह कसम बखूबी निभाई भी। जिन जवानों की सांसें रही वे तिरंगा लहराकर आ गए और जिन जवानों की सांसें थम गई वह तिरंगे में लिपट कर आ गए।

यह बात कारगिल विजय दिवस के अवसर पर महाराज बाड़े पर आयोजित कार्यक्रम में कर्नल एमएस चहल ने व्यक्त किए । कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था मध्य प्रदेश एवं नगर निगम ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सैन्य बैंड का नेतृत्व 19 महार रेजीमेंट के हवलदार जमशेर अली ने किया उनके साथ हवलदार मनोहर सिंह हवलदार विल्सन भरी नायक भी थे। शस्त्र टुकड़ी का नेतृत्व नायब सूबेदार 20 ग्रेनेडियर फिरोज खान ने किया उनके साथ सैन्य टुकड़ी ने शस्त्र झुका कर अमर ज्योति के सामने सलामी दी कार्यक्रम में साडा के पूर्व अध्यक्ष राकेश जादौन ने कहा कि मेरी मान्यता है कि संत की साधना और सेना के पराक्रम से ही राष्ट्र मजबूत होता है एवं सुरक्षित होता है जैसा कि हम सबको विदित है हमारे देश में अनेकों बार कारगिल युद्ध जैसे अनेकों अवसर व परिस्थितियां देश में निर्मित हुई जब हमारे देश की एकता और संप्रभुता को खंडित करने का हमारे पड़ोसी देशों द्वारा समय-समय पर किया जाता रहा है, कुचक्र किया जाता रहा है तब तब हमारे वीर जवानों ने प्राणों की बाजी लगाकर हमारे राष्ट्र को मजबूत किया, यह जवान वीर संत के समान ही पूजनीय हैं ।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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