ग्वालियर में शीतलहर, कलेक्टर ने स्कूलों और आंगनबाड़ियों में 18 जनवरी को अवकाश घोषित किया, आदेश जारी

सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों के लिए भी शीतलहर को ध्यान में रखकर अवकाश रखा गया है। केवल पोषण आहार के लिए बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आ सकेंगे।

Atul Saxena
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Gwalior News :  ग्वालियर में हर साल की तरह इस साल भी बहुत सर्दी पड़ रही है, पूरा जिला इस समय तेज शीतलहर की चपेट में है, मौसम विभाग भी कोहरे और बारिश की भी संभावना जता रहा है इसे देखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आठवीं तक के स्कूलों में और महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ियों में कल 18 जनवरी को अवकाश की घोषणा की है ।

ग्वालियर में इन दिनों  शीतलहर की वजह से सर्दी बढ़ गई है, वहीं बारिश की संभावना भी बनी हुई है इन सबको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने केजी-नर्सरी से लेकर आठवी कक्षा तक के स्कूली बच्चों के लिए 18 जनवरी को अवकाश घोषित किया है। 18 जनवरी को ही आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिये भी छुट्टी रहेगी।

आदेश का पालन सभी स्कूलों को करना होगा  

बच्चों को ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास राहुल पाठक ने अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया आदेश स्कूल शिक्षा विभाग, आईसीएससी व सीबीएसई के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। आदेश में यह भी उल्लेख है कि परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यथावत चलती रहेंगी।

आंगनबाड़ी केंद्रों में भी रहेगा अवकाश  

इसी तरह सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बच्चों के लिए भी शीतलहर को ध्यान में रखकर अवकाश रखा गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी धीरेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में केवल बच्चों के लिए छुट्टी रहेगी। केवल पोषण आहार के लिए बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आ सकेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आंगनबाड़ी की अन्य गतिविधियां यथावत संचालित करेंगी। विभागीय परियोजना अधिकारी व समस्त पर्यवेक्षकों से इन निर्देशों का पालन कराने के लिए कहा गया है।

 

ग्वालियर में शीतलहर, कलेक्टर ने स्कूलों और आंगनबाड़ियों में 18 जनवरी को अवकाश घोषित किया, आदेश जारी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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